दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के आवास पर शुक्रवार (19 अगस्त 2022) को 14 घंटे से अधिक समय तक छापेमारी की कार्रवाई की गई। यह मामला शराब और दिल्ली की आबकारी नीति से जुड़ा हुआ है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आबकारी घोटाले में सीबीआई ने अपनी एफआईआर में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया समेत 15 आरोपियों के नाम शामिल किए है।
CBI officials leave Delhi Deputy CM Manish Sisodia's residence after a 14-hour-long raid in the Excise police case pic.twitter.com/3JWvfsbGlw
— ANI (@ANI) August 19, 2022
केंद्रीय जाँच एजेंसी सीबीआई ने अपनी एफआईआर में कहा है, कि एक शराब कारोबारी ने मनीष सिसोदिया के एक सहयोगी द्वारा संचालित कंपनी को एक करोड़ रुपए का भुगतान किया था। सीबीआई के अनुसार, M/s Indo Spirits के मालिक समीर महेंद्रू ने मनीष सिसोदिया के नजदीकी दिनेश अरोड़ा की कंपनी M/s Radha Industries के यूसीओ (UCO) बैंक के खाते 10220210004647 में 1 करोड़ रुपये जमा किये थे।
जांच में सामने आया है, कि दिनेश अरोड़ा के जरिये ये रकम सरकारी अधिकारियों तक पहुंचाई गई थी। इसके साथ ही अर्जुन पांडे ने भी समीर महेंद्रू से 2 से 4 करोड़ रुपये लिये, जो विजय नायर की तरफ से दिये गये थे। अर्जुन पांडे को डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया का बेहद करीबी बताया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जाँच एजेंसी को मनीष सिसोदिया के घर पर आबकारी विभाग के कुछ ऐसे गोपनीय दस्तावेज मिले हैं, जो किसी अधिकारी या मंत्री के घर पर नहीं होने चाहिए। हालाँकि, ये दस्तावेज किस प्रकार के है, इसके बारे में स्पष्ट नहीं किया है।
CBI lists 15 accused, including Delhi Deputy CM Manish Sisodia, in its FIR on alleged excise scam: Officials
— Press Trust of India (@PTI_News) August 19, 2022
उल्लेखनीय है, कि यह मामला दिल्ली सरकार की आबकारी नीति में हुए भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ है, जिसकी जांच-पड़ताल इससे पहले दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी से करवाई थी। 8 जुलाई 2022 को दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी ने जांच रिपोर्ट में बताया, कि कैसे दिल्ली सरकार की आबकारी नीति में सरकार ने कुछ खास लोगों को फायदा पहुंचाया है। इस घोटाले में आबकारी नीति को बनाने वाले कुछ अधिकारियों के साथ शराब का लाइसेंस लेने वाले कारोबारी शामिल थे।
इस जांच रिपोर्ट के बाद दिल्ली के उपराज्यपाल ने 20 जुलाई को भारत सरकार के गृह सचिव को पत्र लिखकर इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से करवाने की सिफारिश की थी। इसके बाद गृह मंत्रालय ने 22 जुलाई को जांच के लिये सीबीआई को नोटिफिकेशन जारी किया था। गौरतलब है, कि आबकारी नीति से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में अब सीबीआई के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) की एंट्री भी होने वाली है। ईडी मुख्यालय ने सीबीआई को पत्र लिखकर सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर की कॉपी समेत अन्य दस्तावेजों की कॉपी मांगी है।