उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में हुई पत्थरबाजी और हिंसक घटनाओं की जांच के दौरान गिरफ्तार हुए आरोपियों से हुई पूछताछ के हिसाब से पुलिस असल दोषियों को पकड़ने को रणनीति पर काम कर रही है। पुलिस ने हिंसा के मुख्य साजिशकर्त्ता हयात जाफर हाशमी समेत अन्य आरोपियों को हिरासत में लेकर अपनी जांच तेज कर दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हिंसा से पहले मौलानाओं की बैठक हुई थी। इस बैठक में हयात जफर हाशमी भी मौजूद था, जो जौहर फैंस एसोसिएशन का अध्यक्ष भी है।
उत्तर प्रदेश के कानपुर में बीते 3 जून 2022 (शुक्रवार) को हुई पत्थरबाजी और हिंसा के मास्टरमाइंड हयात जफर हाशमी की गिरफ्तारी के बाद कानपुर पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा ने बीते शनिवार प्रेस कॉन्फ़्रेंस के दौरान जानकारी दी, कि आरोपितों ने लखनऊ के एक यूट्यूब चैनल के कार्यालय में छुपे थे। उन्होंने बताया, कि हिंसा में शामिल आरोपितों पर NSA लगाते हुए उनके बैंक खातों की जाँच करवाए जाने के भी निर्देश भी दिए गए है। वहीं हयात जफर हाशमी के पास संदिग्ध दस्तावेज मिले है, दंगाइयों के PFI से जुड़े होने की भी संभावना जताई जा रही है।
इनके बैंक खातों का विश्लेषण किया जाएगा कि कहीं यह अन्य PFI या अन्य किसी संस्था से सम्बंधित तो नहीं है, इसकी जांच कराई जा रही है। इनको आज कोर्ट में पेश किया जाएगा और 14 दिन की रिमांड मांगी जाएगी। इन्होंने अब तक 5-6 लोगों के नाम बताए हैं: कानुपर पुलिस आयुक्त विजय सिंह मीणा pic.twitter.com/6eqFbgcTLb
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 4, 2022
पुलिस सूत्रों के मुताबिक हयात जफर हाशमी के पास मिले संदिग्ध दस्तावेज फंडिंग से संबंधित है। जिसमें ये जानकारी दर्ज है, कि किस प्रकार से फंडिंग होती है और उसक किस तरह से वितरण किया जाना है। वहीं कानपुर हिंसा के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त निर्देश के बाद पुलिस ने अब तक तीन एफआईआर दर्ज कर 36 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। एफआईआर में जौहर फैंस एसोसिएशन के हयात ज़फ़र हाशमी, एहतशाम कबाड़ी, जीशान समेत 40 नामजद और 1000 अज्ञात लोगों पर केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने हत्या के प्रयास, बलवा समेत अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।