भोपाल लोकसभा सीट से सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने भाजपा संगठन से निलंबित पूर्व प्रति प्रवक्ता नुपुर शर्मा के समर्थन में बयान दिया है। सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने बीते गुरुवार रात अपने ट्विटर संदेश में लिखा, कि सच कहना बगावत है, तो समझो हम भी बागी है। जय सनातन, जय हिंदुत्व। ट्वीट करने के बाद भाजपा की तेजतर्रार सांसद ने कहा, कि मैं सत्य बोलने के लिए बदनाम हूँ।
सच कहना अगर वगावत है तो समझो हम भी वागी हैं।
जय सनातन, जय हिंदुत्व…— Sadhvi Pragya singh thakur (@SadhviPragya_MP) June 9, 2022
सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने ज्ञानवापी विवादित ढांचे का नाम लिए बगैर कहा, कि यह एक सत्य है, कि उस स्थान पर शिव मंदिर था और है और सदैव रहेगा। उसे फव्वारा बताना उचित नहीं है। यह हमारे हिंदू देवी-देवता औैर सनातन धर्म पर कुठाराघात है, इसलिए हम इसकी सच्चाई बताएंगे। हमारी असलियत तुम बता दो, हमें स्वीकार है, किंतु तुम्हारी असलियत जब बता रहे है, तो क्यों तकलीफ हो रही है। इसका तात्पर्य है, कि कहीं ना कहीं इतिहास दूषित है।
बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे..!
सांसद प्रज्ञा ठाकुर का बयान "भारत हिंदुओं का था और रहेगा , शिव मंदिर था और है, उसे फुव्वारा बोलना ग़लत है…मुस्लिमों और विधर्मियों द्वारा हमारे धर्म के बारे में ग़लत टिप्पणियां की जाती हैं"..#Video pic.twitter.com/7d0AWU5lKG
— Kreately.in (@KreatelyMedia) June 10, 2022
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा, कि कोई कुछ कहेगा तो उसे धमकाया जायेगा, हमेशा विधर्मियों ने ऐसा ही किया है। हमारे देवी-देवताओं पर फिल्में बनाई जाती है। फिल्मों को वामपंथी निर्देशित करते है, प्रोड्यूस करते है और गालियां बकते है। इनका आज से नहीं बल्कि पूरा वामपंथी इतिहास है। ये विधर्मी अपनी विकृत मानसिकता को फिल्मों के जरिये प्रस्तुत करते है।
सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने कहा, कि भारत हिंदुओं का है। यहां सनातन सदैव जीवित रहेगा और सनातन को जिंदा रखने की जिम्मेदारी हम सभी सनातनियों की जिम्मेदारी है और हम इसे रखेंगे भी। यह विधर्मी अपनी दूषित मानसिकता को प्रत्येक स्थान पर स्थापित करना चाहते है। सनातन धर्म अपने धर्म को स्थापित करता है। जो मानवीय मूल्यों और प्रकृति के हित के लिए समर्पित है। उल्लेखनीय है, कि भाजपा से निलंबित नुपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद के संदर्भ में एक टिप्पणी की थी। मुस्लिम देशों के दबाब में आकर भाजपा संगठन ने उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया है। हालाँकि बीजेपी के इस निर्णय का भारी विरोध हो रहा है।