उत्तर प्रदेश के कानपुर में पुलिस की एक टीम देर रात बदमाशों के ठिकाने में दबिश के लिए गयी थी। वही पर बदमाशों ने घात लगाकर पुलिस टीम पर अंधाधुन गोलियां चला दीं।
बदमाशों के साथ इस मुड़भेड़ में डीएसपी देवेंद्र मिश्रा और थाना प्रभारी समेत 8 पुलिसकर्मी वीरगति को प्राप्त हो गए। फायरिंग में 7 पुलिसकर्मी घायल भी हो गए हैं पुलिस की यह टीम हिस्ट्री शीटर विकास दुबे को पकड़ने के लिए गई थी। ये घटना शिवली थाना क्षेत्र के विकरू गांव की है।
उत्तर प्रदेश के डीजीपी एच सी अवस्थी ने बताया कि हिस्ट्री शीटर विकास दुबे के खिलाफ कानपुर के राहुल तिवारी ने हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज कराया था। इसके बाद जिला पुलिस उसे पकड़ने के लिए बिकरू गांव गई थी। पुलिस का रास्ता रोकने के लिए बदमाशों ने पहले से ही जेसीबी को बीच सड़क में खड़ा कर रखा था। जिसके बाद अपराधियों ने बेखौफ छत से पुलिस पर गोलाबारी शुरू कर दी। मौके पर जो AK 47 के खोखे मिले हैं उनकी फॉरेंसिक जांच की जा रही है।
वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए उतर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसटीएफ की टीम को कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। पुलिस ने इलाके की नाकेबंदी कर साथ ही उत्तर प्रदेश के सभी बॉर्डर सील कर दिए हैं।
सूत्रों के अनुसार कि रीजेंसी अस्पताल में भर्ती घायल पुलिसकर्मियों की हालत गंभीर है। हिस्ट्री शीटर विकास दुबे और उसके साथियों ने पुलिस के हथियार भी लूट के फरार हुए है। कानपुर का हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे एक शातिर अपराधी है। इसके ऊपर कुल मिलाकर 60 मुकदमे दर्ज हैं। साल 2001 में थाने में घुसकर इसने भाजपा नेता और राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की खुलेआम हत्या कर दी थी।