पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ बढ़ते यौन हिंसा के मामलों के मद्देनजर आपातकाल की घोषणा कर दी गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पंजाब प्रांत के गृह मंत्री अत्ता तरार ने जानकारी दी, कि उन्हें आपातकाल का ऐलान करने पर मजबूर होना पड़ा, क्योंकि महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध हो रहे यौन अपराध समाज और सरकार दोनों के लिए गंभीर चुनौती बन गए है।
पाकिस्तानी न्यूज एजेंसी ‘डॉन’ के अनुसार, पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) के मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान गृह मंत्री ने कहा, कि पंजाब में प्रतिदिन दुष्कर्म के चार से पांच मामले सामने आ रहे है, जिसके चलते प्रांतीय सरकार को यौन उत्पीड़न, दुर्व्यवहार समेत अन्य मामलों से निपटने के लिए सख्त निर्णय लेना पड़ा है।
Authorities in #Pakistan's Punjab province have decided to declare an "emergency" following a spike in cases of sexual abuse against women and children.
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— editorji (@editorji) June 21, 2022
प्रेसवार्ता में पंजाब के कानून मंत्री मालिक मुहम्मद अहमद की मौजूदगी गृहमंत्री ने कहा, कि दुष्कर्म मामलों से निपटने के लिए पंजाब की फॉरेंसिक साइंस एजेंसी ने डीएनए सैंपल को फ्रास्ट ट्रैक के आधार पर परिक्षण करना शुरू कर दिया है। अत्ता तरार ने कहा, कि दुष्कर्म और कानून व्यवस्था पर कैबिनेट समिति द्वारा सभी मामलों की समीक्षा की जाएगी। गृह मंत्री ने कहा, कि ऐसे मामलों पर निगरानी के लिए नागरिक संस्थाओं, महिला अधिकार संगठनों, शिक्षकों और वकीलों से राय ली जाएगी।
गृह मंत्री अत्ता तरार ने अभिभावकों से अपने बच्चों को सुरक्षा के महत्व के बारे में जानकारी देने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा, कि बच्चों को बिना उचित निगरानी के अपने घरों में बिल्कुल भी अकेला नहीं छोड़ा जाना चाहिए। कई दुष्कर्म मामलों में आरोपितों को गिरफ्तार का लिया गया है। इसके अलावा यौन उत्पीड़न के विषय में स्कूलों में छात्रों को जागरूक किया जाएगा। गृह मंत्री ने कहा, कि दुष्कर्म की घटनाओं पर रोक के लिए पंजाब प्रांत ने कई जागरूकता अभियान शुरू किये है।