मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भ्रष्टाचार के विरुद्ध सख्त रुख अपनाते हुए आईएएस रामविलास यादव को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। गौरतलब है, कि धामी सरकार इससे पूर्व दो वरिष्ठ आईएफएस अफसरों के विरुद्ध गंभीर शिकायतें मिलने के बाद उन्हें भी सस्पेंड कर चुकी है। वहीं निलंबित आईएएस अधिकारी राम विलास यादव को विजिलेंस ने गिरफ्तार किये जाने की खबरें भी आ रही। सोशल मीडिया के अनुसार, विजिलेंस निदेशक अमित सिन्हा ने की इस बात की पुष्टि की है,आज दोपहर 12.45 बजे विजिलेंस ऑफिस पहुंचे राम विलास यादव को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया है।
*उत्तराखंड निलंबित IAS अधिकारी राम विलास यादव गिरफ्तार,निलंबित IAS राम विलास को विजिलेंस ने किया अरेस्ट,विजिलेंस डायरेक्टर अमित सिन्हा ने की पुष्टि,आज दोपहर 12.45 बजे विजिलेंस ऑफिस पहुंचे थे,पूछताछ के बाद हिरासत में लिया गया।
— Dinesh Tripathi (@DineshT00951639) June 22, 2022
इससे पहले बुधवार (22 जून 2022) को सीएम पुष्कर धामी के अनुमोदन के बाद सचिव कार्मिक शैलेश बगोली ने आईएएस यादव को सस्पेंड करने के आदेश जारी किए थे। बता दें, अपर सचिव कृषि व उद्यान रामबिलास यादव इसी महीने की 30 जून को रिटायर होने वाले थे। राम विलास यादव पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के गंभीर आरोप लगे है।
उल्लेखनीय है, कि उत्तराखंड राज्य गठन के दौरान पीसीएस अधिकारी रामबिलास को उत्तराखंड काडर मिला था, हालाँकि अपने आवंटन के विरुद्ध राम विलास यादव समेत कई पीसीएस अधिकारियों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसके बाद यह प्रकरण सर्वोच्च न्यायालय में चला और सुप्रीम कोर्ट ने पीसीएस अधिकारियों की याचिका खारिज करते हुए, उन्हें आवंटित काडर में ज्वाइनिंग के आदेश जारी किये थे।
इसके कुछ वक्त बाद राम विलास यादव का उत्तर प्रदेश में आईएएस संवर्ग में प्रमोशन हो गया था। वर्ष 2017 में उत्तराखंड में ज्वाइनिंग लेने के बाद वह लोक सेवा आयोग के सचिव समेत अपर सचिव ग्राम्य विकास व समाज कल्याण विभाग भी देख चुके थे। आईएएस राम विलास यादव उनके ठिकानो पर छापेमारी के बाद से ही छुट्टी पर चल रहे है। रिटायरमेंट से पहले सस्पेंड और गिरफ्तार होने के बाद अब उनकी परेशानी और अधिक बढ़ गई है।
जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड आए आईएएस रामविलास यादव के विरुद्ध विजिलेंस ने ढाई साल पहले खुली जांच आरंभ की थी। इस दौरान उन्हें पूछताछ के लिए कई नोटिस जारी किये गए थे, लेकिन अपने प्रभाव का इस्तेमाल के चलते वह विजिलेंस के सामने आने से बचते रहे। हालाँकि विजिलेंस ने उनसे ऑफिस में ही पूछताछ करने के लिए भी कहा, तो भी यादव ने कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद तकरीबन 12 सदस्यो की विजिलेंस टीम ने 11 जून को आईएएस यादव के ठिकानो में छापे मारकर सबूत जुटाए थे।
इसके बाद आखिरकार बुधवार को आईएएस अधिकारी राम विलास यादव को आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में विजिलेंस के सामने पेश होना पड़ा। विजिलेंस अधिकारियों ने इस दौरान यादव से लगभग सात घंटे तक पूछताछ की। इस दौरान विजिलेंस टीम ने उनके दस्तावेजो का सत्यापन किया और लगभग 100 से ज्यादा सवाल किए गए। बताया जा रहा है, कि पूछताछ के दौरान राम विलास यादव ने कुछ सवालों पर चुप्पी साध ली और कुछ सवालों पर टीम को इधर-उधर की बातों में उलझाने की कोशिश भी की।
उल्लेखनीय है, कि अप्रैल 2022 में आईएएस अधिकारी राम विलास यादव के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था। विजिलेंस ने पिछले वर्ष सितंबर माह में अपनी रिपोर्ट शासन को भेजी थी। रिपोर्ट के अनुसार, कि रामविलास यादव के पास उनके ज्ञात आय के स्रोतों से 547 फीसदी अधिक संपत्तियां है। मुकदमा दर्ज करने के बाद विजिलेंस ने यादव के लखनऊ, गाजीपुर और देहरादून स्थित ठिकानो पर छापे मारे। विजिलेंस की टीम ने यादव के ठिकानो से अहम दस्तावेज बरामद किए। इसके बाद रामविलास यादव ने मामले में हाईकोर्ट में अपील की, लेकिन उन्हें अदालत से कोई राहत नहीं मिली।