उत्तराखंड हाई कोर्ट ने गुरुवार (7 जुलाई, 2022) को सम्पूर्ण हरिद्वार जनपद को “स्लॉटर-मुक्त क्षेत्र” घोषित करते हुए धामी सरकार द्वारा जारी बूचड़खानों पर पाबंदी को हटा दिया है। बता दें, धार्मिक नगरी हरिद्वार में बूचड़खानों को पूर्ण रूप से बंद करने के विरुद्ध उच्च न्यायालय में दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए उत्तराखंड हाई कोर्ट ने हरिद्वार जिले के मंगलोर क्षेत्र में मुस्लिम समाज को बकरीद पर जानवरों की कुर्बानी की मंजूरी दे दी है। हालाँकि, कोर्ट ने मंगलोर नगरपालिका और याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिया है, कि बकरीद पर कुर्बानी केवल बूचड़खाने में ही की जाएगी।
HC lifts ban on animal slaughter in Haridwar :A division Bench of the Uttarakhand High Court directed that on Eid al-Adha ,slaughtering of animals should be done only in the legally compliant slaughterhouse in Manglaur Municipality. pic.twitter.com/BLFeCUNtzf
— NCMOULY (@NCMOULY52) July 8, 2022
ऑपइंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, इस प्रकरण की सुनावाई करते हुए चीफ जस्टिस विपिन सांघी एवं जस्टिस आरसी खुल्बे की बेंच ने आदेश दिया है, कि 10 जुलाई को ईद-उल-अजहा (बकरीद) केवल मंगलौर में ही मुस्लिम समाज के लोग जानवरों की कुर्बानी दे सकेंगे। इस आदेश में हाई कोर्ट ने यह भी निर्देशित किया है, कि पशुओं की कुर्बानी पंजीकृत बूचड़खाने में ही की जाएगी, ना कि गली और मोहल्लों में।
Uttarakhand: HC allows animal slaughter in Haridwar district’s Manglaur at a legally compliant slaughterhouse for Eid, stays Govt’s blanket banhttps://t.co/GXgSKAizlb
— OpIndia.com (@OpIndia_com) July 8, 2022
इस मामले में हरिद्वार निवासी याचिकाकर्त्ता फैसल हुसैन ने उत्तराखंड हाई कोर्ट में अपनी याचिका में कहा, पशुओं की कुर्बानी इस्लाम में एक जरुरी मजहबी रिवाज है, और ईद अल-अजहा (बकरीद) के मौके पर मंगलौर के बूचड़खाने में पशुओं की कुर्बानी की मंजूरी दी जानी चाहिए, जिसका निर्माण विगत दिनों किया गया था, लेकिन पिछले साल हरिद्वार जनपद में पशुओं की कुर्बानी पर पूर्ण प्रतिबंध होने की वजह से बूचड़खाने का काम आगे नहीं बढ़ पाया। याचिका में कहा गया, मंगलौर में लगभग 90 फीसदी मुस्लिम समाज के लोग रहते है, इसलिए बकरीद पर मंगलौर में मुस्लिम समुदाय को कुर्बानी की मंजूरी दी जानी चाहिए।
उल्लेखनीय है, कि उत्तराखंड सरकार ने पिछले साल 3 मार्च 2021 को हरिद्वार जिले के सभी क्षेत्रों को बूचड़खाना मुक्त क्षेत्र घोषित कर दिया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेन्द सिंह रावत ने ये आदेश कुंभ के आयोजन को लेकर जारी किया था। उस वक्त हरिद्वार जनपद के भाजपा विधायकों ने पत्र लिखकर मुख्यमंत्री से अपील की थी, कि हरिद्वार जैसी प्राचीन धार्मिक नगरी में बूचड़खानों पर प्रतिबंध लगाया जाए। इसके बाद तत्कालीन त्रिवेंद्र सरकार ने हरिद्वार जनपद के दो नगर निगमों, दो नगरपालिकाओं समेत पाँच नगर पंचायतों में चल रहे बूचड़खानों को जारी एनओसी को निरस्त कर दिया था।
Uttarakhand High Court permits animal slaughter for Bakri Eid in Manglaur. #Uttarakhand pic.twitter.com/y6N94cCRw7
— ABHISHEK SEMWAL (@Abhiisshhek) July 7, 2022