मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के सीमांत जनपद चमोली के हेलंग में ग्रामीण महिलाओं से चारा पत्ती छीने जाने और उनका चालान काटे जाने संबंधी विवाद का संज्ञान लिया है। सीएम धामी ने मामले पर गढ़वाल आयुक्त सुशील कुमार को विवाद की जांच करने के आदेश दिए है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए लिखा, जनपद चमोली के जोशीमठ क्षेत्र में ग्रामीण महिलाओं द्वारा वन से चारापत्ती लाने को लेकर हुए विवाद से संबंधित घटना का संज्ञान लेते हुए कमिश्नर गढ़वाल को त्वरित रूप से जांच के आदेश दिए है।
जनपद चमोली के जोशीमठ क्षेत्र में ग्रामीण महिलाओं द्वारा वन से चारापत्ती लाने को लेकर हुए विवाद से संबंधित घटना का संज्ञान लेते हुए कमिश्नर गढ़वाल को त्वरित रूप से जांच के आदेश दे दिए हैं।
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) July 21, 2022
बता दें, जोशीमठ हेलंग में चारापत्ती लेकर आ रही तीन महिलाओं को पुलिस ने छह घंटो तक अपने कब्जे में रखा। इस दौरान ग्रामीण महिलाओं को पुलिस ने जबरन वाहन में लादकर थाने में कई घंटो तक बिठाकर रखा। महिलाओं का आरोप है, उन्होंने पुलिस को बताया, कि वे वर्षो से चारा पत्ती लाती रही है, लेकिन पुलिस और सीआईएसएफ के जवानों ने उनकी एक भी बात नहीं सुनी, और सम्पूर्ण क्षेत्र को प्रतिबंधित बताते हुए उन्हें पुलिस थाने में घंटो बैठाया और 250 रुपये का चालान कर छोड़ा।
सोशल मीडिया पर ग्रामीण महिलाओं को चारा पत्ती लाने से रोकने और उनका चालान किये जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया। सोशल मीडिया पर पुलिस और सीआईएसएफ की इस कार्रवाई की यूजर्स ने कड़ी आलोचना करते हुए इसे स्थानीय निवासियों के अधिकारों का हनन बताया। निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने भी मुख्यमंत्री धामी को ज्ञापन सौंप कर मामले की जांच की मांग की है।
वहीं कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत समेत उत्तराखंड क्रांति दल ने भी इस कार्रवाई का जमकर विरोध किया और धामी सरकार से मामले में तत्काल संज्ञान लेते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की। वहीं चारा पत्ती विवाद के मामले में महिला आयोग ने भी संज्ञान लेते हुए, जिलाधिकारी चमोली को निर्देश दिए, कि वे पूरे मामले की जांच करें और पीड़ितों से व्यक्तिगत रूप से मिलकर उनका पक्ष जानें।