निवर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार (24 जुलाई 2022) को अपने कार्यकाल के अंतिम दिन राष्ट्र को संबोधित किया। अपने इस संबोधन में उन्होंने देशवासियों के प्रति और जन प्रतिनिधियों के प्रति कृतज्ञता प्रकट की। उन्होंने कहा, कि कानपुर के गाँव से निकल यदि वो आज राष्ट्रपति के रूप में राष्ट्र को संबोधित कर पा रहे है, तो इसके लिए वह लोकतांत्रिक व्यवस्था को नमन करते है।
निवर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने संबोधन में कहा, कि कानपुर देहात जिले के परौंख गांव के अत्यंत साधारण परिवार में पला-बढ़ा राम नाथ कोविंद आज आप सभी देशवासियों को संबोधित कर रहा है, इसके लिए मैं अपने देश की जीवंत लोकतांत्रिक व्यवस्था की शक्ति को शत-शत नमन करता हूँ। उन्होंने कहा, कि राष्ट्रपति के कार्यकाल के दौरान अपने पैतृक गांव का दौरा करना और अपने कानपुर के विद्यालय में वयोवृद्ध शिक्षकों के पाँव छूकर उनका आशीर्वाद लेना, मेरे जीवन के सबसे यादगार पलों में हमेशा शामिल रहेंगे।
LIVE: President Kovind addresses the nation on the eve of demitting office https://t.co/RonFNeCIAG
— President of India (@rashtrapatibhvn) July 24, 2022
निवर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, कि 19वीं शताब्दी के दौरान पूरे राष्ट्र में पराधीनता के विरुद्ध अनेको विद्रोह हुए। देशवासियों में नई आशा का संचार करने वाले ऐसे विद्रोहों के अधिकांश नायकों के नाम भुला दिए गए थे। किन्तु अब उनकी वीर-गाथाओं को आदर सहित याद किया जा रहा है। उन्होंने कहा, कि अपने कार्यकाल के पांच वर्षों के दौरान, मैंने अपनी पूरी योग्यता से अपने दायित्वों का निर्वहन किया है। मैं डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद, डॉक्टर एस. राधाकृष्णन और डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम जैसी महान विभूतियों का उत्तराधिकारी होने के नाते बेहद सचेत रहा हूँ।
निवर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने संबोधन में आगे कहा, कि उन्हें अपने कार्यकाल के दौरान समाज के सभी वर्गों से पूर्ण सहयोग, समर्थन और आशीर्वाद मिला। उन्होंने कहा, कि कानपुर देहात के एक गांव का आदमी आज आपको संबोधित कर रहा है, तो यह भारत के लोकतंत्र की जीवंतता का प्रमाण है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर उन्होंने कहा, कि हाल ही में प्रधानमंत्री जी भी मेरे गांव आए और उन्होंने गांव का मान बढ़ाया।