उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा (वीपीडीओ) का पेपर लीक करने के प्रकरण में एसटीएफ ने बीते रविवार को खुलासा किया था। पेपर लीक मामले सामने आने के बाद उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने आउटसोर्स कंपनी आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को परीक्षा की अहम जिम्मेदारियों से हटा दिया है। बता दें, एसटीएफ ने इस मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार कर इनके पास से 37.10 लाख रुपये कैश भी बरामद किया गया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के संज्ञान में जैसे ही स्नातक स्तरीय परीक्षा में धांधली की शिकायत आई, तो आयोग ने सबसे पहले संबंधित कंपनी को परीक्षा की अंदरूनी जिम्मेदारी से अलग किया। आयोग के सचिव संतोष बडोनी ने जानकारी दी, कि चूंकि फिलहाल जांच रिपोर्ट में कंपनी की मिलिभगत का प्रमाण उनके पास नहीं आया है, लिहाजा अभी कंपनी को बाहरी काम दिए गए है। वहीं परीक्षा के पेपर से लेकर अंदरूनी गोपनीय कार्यो से उसे अलग कर दिया गया है।
वहीं इस मामले में आयोग की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। 2021 दिसंबर के पहले सप्ताह में भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी। इस मामले में बेरोजगार संघ की तरफ से पहले ही धांधली और पेपर लीक होने की आशंका जताई जा रही थी। बेरोजगार संघ ने परीक्षा के जो सवाल लीक हुए थे, उनका स्क्रीन शॉट भी आयोग को उपलब्ध करवाए थे, लेकिन आयोग ने शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया। आयोग द्वारा आउटसोर्स कंपनी आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन को क्लीन चिट दिए जाने और धांधली के खुलासे के बाद आयोग द्वारा आयोजित पूर्व की परीक्षाओ पर भी सवाल उठने लगे है।
बता दें, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के परीक्षा पेपर लीक करने का आरोपी जयजीत दास आयोग में वर्ष 2015 से कार्यरत है। साल 2015 से अब तक यानी सात सालो में आयोग कई भर्ती परीक्षाएं आयोजित कर चुका है। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है, आरोपी जयजीत दास पहले भी परचा लीक करवा चुका होगा। उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने कहा है, कि संघ ने पहले ही साक्ष्यों के आधार पर कहा था, कि परचा लीक हुआ था, लेकिन आयोग ने उनकी बातों को अनदेखा किया।
उल्लेखनीय है, कि कुछ बेरोजगारों युवको ने भर्ती परीक्षा में धांधली का मामला उठाते हुए सीएम पुष्कर धामी से शिकायत की थी। इसके बाद बीते शुक्रवार को आयोग के अनुसचिव राजन नैथानी ने पेपर लीक होने की होने की संभावना जताते हुए रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। बीते रविवार को डीआईजी एसटीएफ डी सेंथिल अबुदेई और एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने गिरोह के खुलासा करते हुए जानकारी दी, कि आयोग से जुड़ी तकनीकी फर्म आरएमएस टेक्नोलॉजी साल्यूशन के कर्मचारी जयजीत दास ने यह पेपर लीक किया था।
एसटीएफ के अनुसार, पुलिस द्वारा हिरासत में लिए लोगों में फर्म के कर्मचारी, कोचिंग सेंटर संचालक और परीक्षा देने वाले युवक शामिल है।बता दें, आयोग ने 13 विभागों में 916 पदों पर भर्ती प्रक्रिया के लिए स्नातक स्तरीय परीक्षा आयोजित की थी। इस परीक्षा में चुने गए उम्मीदवारों के लिए आयोग ने डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया भी पूर्ण कर ली थी। इसके बाद अब आयोग सभी चुने गए उम्मीदवारों की अंतिम चयन सूची बनाने की तैयारी कर रहा था। इसी बीच भर्ती परीक्षा में पेपर लीक का प्रकरण सामने आ गया। आयोग ने फिलहाल भर्ती की पूरी प्रक्रिया पर रोक लगा दी है।
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा में पेपर लीक प्रकरण सामने आने के बाद युवाओं की नौकरी की आस अधर में लटक गई है। गौरतलब है, कि समूह ‘ग’ की भर्ती परीक्षा में पारदर्शिता लाने के लिए और धांधली रोकने के लिए उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से कई सुधारों के बड़े-बड़े दावे किये जाते रहे है। हालाँकि परीक्षा को फूलफ्रूफ बनाने में आयोग की कोई भी रणनीति सफल नहीं रही, और भर्ती परीक्षा में धांधली और सवालो में गड़बड़ी के मामले लगातार सामने आते रहे।