देश में मंकीपॉक्स का खतरा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। इसी के मद्देनजर उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने मंकीपॉक्स के बढ़ते खतरों को लेकर स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट मोड पर रहने के आदेश दिए है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, कि जिला स्तर पर मंकीपॉक्स के नियंत्रण और रोकथाम के लिए निगरानी व सर्विलांस प्रणाली को मजबूत करने के लिए जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्साधिकारियों को निर्देेश दिए गए है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने कहा, कि राज्य में मंकीपॉक्स का एक भी मामला सामने आता है, तो इसे प्रकोप की श्रेणी में माना जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, कि सावधानी के तौर पर केंद्र सरकार की तरफ से जारी दिशानिर्देशों के आधार पर स्वास्थ्य विभाग ने मंकीपॉक्स से बचाव व सर्तकता बरतने के लिए एसओपी जारी कर दी है।
स्वास्थ्य मंत्री रावत ने बताया, कि जनपद स्तर पर मंकीपॉक्स के नियंत्रण व रोकथाम के लिए सख्त निगरानी रखी जाएगी। इस निगरानी सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। प्रदेश की प्रत्येक चिकित्सा इकाई और मेडिकल कॉलेज में मंकीपॉक्स के लिए अलग से आइसोलेशन की व्यवस्था के साथ ही नोडल अधिकारी नामित किए गए है। इसके साथ ही चिकित्सालयों में रोगियों की जांच व उपचार के लिए पर्याप्त दवाएं उपलब्ध करने के आदेश भी विभागीय अधिकारियों को दिए गए है।
मंकीपॉक्स के सामान्य लक्षणों में बुखार आना, त्वाचा पर चकत्ते पड़ना, ये चकते चेहरे से शुरू होकर हाथ, पैर, हथेलियों और तलवों तक हो फैल सकते है। इसके अलावा शरीर में गांठ होना, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द या थकावट, और गले में खराश और खांसी आना मंकीपॉक्स के लक्षणों में शामिल है।
बता दें, मंकीपॉक्स संक्रामक बीमारी है, इस वजह से एक संक्रमित मरीज दूसरों को भी संक्रमित कर सकता है। इस लिहाजा यदि कोई संक्रमित हो जाये, तो वह सबसे पहले खुद को आइसोलेट कर लें। मंकीपॉक्स से घबराने की बजाय इसका उचित उपचार करवाएं। इसका कोई ठोस इलाज तो उपलब्ध नहीं है, लेकिन इसका संक्रमण खुद ही 2 से 4 हफ्तों में ठीक हो जाता है।