चीन के कर्ज के जाल में फँसकर भीषण आर्थिक संकट का सामना कर रहे पड़ोसी देश श्रीलंका को भारत से हर तरह की सहायता मिलने के बाद उसके रवैए में परिवर्तन देखने को मिल रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत के कूटनीतिक प्रयासों के चलते श्रीलंका सरकार ने चीन के जासूसी पोत ‘यूआन वांग 5’ को अपने हंबनटोटा बंदरगाह पर पहुंचने पर रोक लगा दी है। यह जासूसी पोत 12 अगस्त को इस बंदरगाह पर पहुंचने के बाद हफ्तेभर ठहरने वाला था।
चीन का यह जासूसी पोत ‘यूआन वांग 5’ भारत के दक्षिणी भाग के अधिकतर मिसाइल और सैन्य गतिविधियों के अलावा ढांचागत परियोजनाओं पर करीबी निगरानी करने की क्षमता रखता है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने इससे पूर्व श्रीलंका के अधिकारियों से चीन के जासूसी पोत की यात्रा के उद्देश्य के बारे में जानकारी मांगी थी। उल्लेखनीय है, कि 1987 की संधि के अंतर्गत श्रीलंका अपने किसी भी बंदरगाह को उन देशों के जलयानों को उपलब्ध नहीं करा सकता है, जो भारतीय हितो के खिलाफ खड़े हो।
भारत सरकार को इस बात की आशंका थी, कि श्रीलंकाई बंदरगाह पर चीन के जासूसी जहाज के रुकने के दौरान इस पोत की निगरानी प्रणाली से भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों की जासूसी हो सकती है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची कह चुके है, कि चीन के पोत के हंबनटोटा बंदरगाह पहुंचने से जुड़ी हर गतिविधि पर भारत सरकार पैनी नजर रखे हुए है, और भारत इसके आर्थिक और सुरक्षा हितो पर होने वाले असर की समीक्षा कर रहा है। इस मामले में जो भी उचित कदम जरुरी समझे जायेंगे, उन्हें तत्काल उठाया जायेगा।
In a major embarrassment for China & a big win for Indian Diplomacy, Sri Lanka has blocked the entry of ' Chinese spy ship' into its islands. #ChineseSpyShip @pradip103 pic.twitter.com/Sd0WM0whZm
— Jan Ki Baat (@jankibaat1) August 6, 2022
उल्लेखनीय है, कि वर्ष 2017 में चीन का उधार नहीं चुका पाने में सक्षम श्रीलंका ने अपने देश के दक्षिण में स्थित हंबनटोटा बंदरगाह को 99 साल की लीज पर चीन को बेच दिया था। श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे से नजदीकियाँ बढ़ाने के बाद चीन ने कुटिलता पूर्वक बंदरगाह पर कब्जा कर लिया। चीन ने इस बंदरगाह को कई तरह से विकसित करते हुए लगभग दो बार अपने सबमरीन को हंबनटोटा बंदरगाह पर भेजे है। रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, चीन हिंद महासागर की गहराई नापकर पनडुब्बी के सामरिक उपयोग को समझना चाहता है।