पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के आर्थिक हालत बेहद तेजी खराब हो रहे है। भीषण वित्तीय तंगहाली के शिकार पकिस्तान में गरीबी का प्रभाव अब वहाँ की आवाम के अलावा जानवरों पर भी साफ नजर आ रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लाहौर के चिड़ियाघर ने वहाँ मौजूद शेरों और बाघों को सार्वजनिक स्तर पर नीलाम करने का निर्णय किया है। चिड़ियाघर प्रशासन ने अपने इस फैसले को ना सिर्फ जगह की बल्कि पैसों की भी बचत के लिए उठाया गया कदम बताया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस बात की पुष्टि चिड़ियाघर के उप निदेशक तनवीर अहमद जंजुआ ने की है। फिलहाल लाहौर के चिड़ियाघर में 2 से 5 साल के बीच की उम्र के 29 शेर है। 11 अगस्त को चिड़ियाघर के 12 शेरों को नीलाम किया जा सकता है। लाहौर के इसी चिड़ियाघर में 6 चीते और 2 तेंदुए भी मौजूद है। हालाँकि पशुओं का संरक्षण करने वाली संस्था की कायर्कर्ता उज्मा खान ने नीलामी के विरोध में कहा, अगर एक बार चिड़ियाघर से इस प्रकार की नीलामी हो गई, तो यह एक व्यापर बन जाएगा, जो वन्य जीवों के संरक्षण पर बेहद अनुचित प्रभाव डालेगा।
#Pakistan's Lahore Safari Zoo is auctioning off a dozen #lions to private collectors next week to free up space and reduce the expenses to feed them https://t.co/8Izsyqc1Ac
— Arab News Pakistan (@arabnewspk) August 6, 2022
नीलामी के लिए चिड़ियाघर के अधिकारियों को उम्मीद है, कि एक शेर लगभग 20 लाख पाकिस्तानी रुपए में बिकेगा। जानकारी के लिए बता दें, पाकिस्तानियो ने एक शेर की जो कीमत रखी है, उससे महंगी भारत में बकरी बिकती है। दिवालियेपन की कगार पर खड़े फटेहाल पाकिस्तान में इससे पहले जून में केंद्रीय मंत्री अहसान इकबाल ने पत्रकारों से कहा था, कि पाकिस्तानी अपनी चाय की खपत को प्रति दिन ‘एक या दो कप’ कम कर सकते हैं, क्योंकि इसका आयात सरकार पर अतिरिक्त वित्तीय दबाव डाल रहा है।
इसके अलावा पाकिस्तान की आर्थिक स्थिती को सुधारने के लिए पकिस्तान ने चीन को गधे बेचकर भी मुनाफा कमाया था। दरअसल, पाकिस्तान में गधों की आबादी को कम करने के लिए तत्कालीन इमरान सरकार चीन को पांच हजार गधे बेचे थे। इसके लिए डेरा इस्मायल खान और मनसेहरा में विदेशी साझेदारी ने फार्म खोलने भी शुरू कर दिए थे। पाकिस्तानी सरकार का लक्ष्य पहले तीन वर्षों में लगभग 80 हजार गधों का निर्यात करना था।