एसटीएफ और साइबर क्राइम पुलिस ने रानीखेत निवासी एक शख्स से 60 लाख रुपये की साइबर ठगी करने के मुख्य आरोपी नाइजीरियन मूल के व्यक्ति को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार, उत्तराखंड एसटीएफ और साइबर थाना कुमाऊं पुलिस ने नाइजीरियन युवक के पास से दो लैपटॉप, आठ मोबाइल फोन, सात सिम कार्ड, चार नेटशटर, 16 पेनड्राइव, एक कार्ड रीडर, तीन मेमोरी कार्ड, एक ब्लूटूथ और दो पासपोर्ट बरामद किए है।
Uttarakhand STF and Cyber Police Station Kumaon busted a Nigerian gang that duped people of Crores of Rupees. One Nigerian national arrested from Delhi; 8 mobile phones, 2 laptops, 7 SIM cards, 4 WiFi dongles, 1 card reader, 2 passports and other electronic gadgets recovered. pic.twitter.com/lmvKGUoxWm
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) August 10, 2022
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रानीखेत गांव किलकोट निवासी सुरेश आर्य ने बीते मई में साइबर थाने में शिकायत देकर बताया था, कि उनके फेसबुक अकाउंट पर एक विदेशी महिला की फ्रेंड रिक्वेस्ट आई। इसके बाद सुरेश की उस महिला से ऑनलाइन दोस्ती हो गई और साथ ही व्हाट्सएप पर चैटिंग और वायस कॉल होने लगी। पीड़ित सुरेश के मुताबिक, एक दिन उसकी कथित महिला मित्र ने उससे कहा, कि वह सुरेश के लिए एक लाख यूएस डॉलर लेकर दिल्ली एंबेसी पहुंच गई है ,जहां आरबीआई के शुल्क के नाम पर 63,000 रुपये मांगे जा रहे हैं। इस पर सुरेश ने उसके बैंक खाते में रुपये जमा करा दिए।
इसके साइबर ठग ने सुरेश से लगातार इंश्योरेंस बांड, हाईकोर्ट वेरिफिकेशन चार्ज, आईएमएफ चार्ज, ट्रांजेक्शन अलर्ट चार्ज, केवाईसी चार्ज व क्लीनिंग चार्ज समेत अन्य चार्जो के ऐवज में लगभग 60,01,762 रुपये हड़प लिए, लेकिन इसके बाद भी सुरेश को डॉलर में रकम नहीं मिली। इसके बाद पीड़ित सुरेश की कई विदेशी अफसरों से दिल्ली में मुलाकात भी की, लेकिन काफी दिनों बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला।
पुलिस के अनुसार, पीड़ित का भरोसा जीतने के लिए साइबर ठग ने सुरेश को दिल्ली बुलाकर एक होटल में मुलाकात भी की थी। ठगी करने के बाद साइबर ठगों ने अपनी फेसबुक आईडी, और सभी मोबाइल, व्हाट्सएप नंबरों को बंद कर दिया। अंत में ठगी का एहसास होने पर सुरेश ने साइबर पुलिस थाने में अपनी शिकायत दर्ज कराई। बीते जनवरी माह में पीड़ित की शिकायत पर आरोपी ऑलिव के खिलाफ धारा 419, 420, 467, 468, 471, 120(बी) आईपीसी, 66(डी) आई एक्ट और 14 विदेशी अधिनियम के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया गया था।