जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, पीवी नरसिंह राव और डॉ. मनमोहन सिंह के मंत्रिमंडल में केंद्रीय मंत्री का दायित्व संभाल चुके गुलाम नबी आजाद ने आखिरकार कांग्रेस पार्टी छोड़ दी है। कांग्रेस के दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार (26 अगस्त 2022) को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता समेत सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। बता दें, गुलाम नबी कांग्रेस के उस जी-23 गुट के प्रमुख चेहरे थे, जिन्होंने राहुल गांधी के नेतृत्व कौशल को लेकर सोनिया गांधी के समक्ष चिंता जताई थी।
कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी को लिखे अपने इस्तीफे में गुलाम नबी आजाद ने कहा, कि उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी से लेकर सोनिया गाँधी तक के नेतृत्व में कार्य किया और पार्टी की मजबूती में हर तरह से योगदान दिया। हालाँकि, आजाद ने अपने इस्तीफे में राहुल गाँधी को केंद्र में रखकर जमकर निशाने साधे। पांच पन्नों के त्याग-पत्र में गुलाम नबी ने कहा, कि पार्टी नेतृत्व को भारत जोड़ो यात्रा करने के बजाये पहले देशभर में कांग्रेस जोड़ो यात्रा करनी चाहिए थी।
राहुल गाँधी को लेकर गुलाम नबी ने लिखा, “दुर्भाग्य से राहुल गाँधी द्वारा राजनीति में प्रवेश के बाद, विशेष तौर पर जनवरी 2013 में आपके (सोनिया गाँधी) द्वारा उन्हें पार्टी का उपाध्यक्ष बनाये जाने के बाद उन्होंने पार्टी में पहले से मौजूद परामर्श लेने वाली प्रणाली को ध्वस्त कर दिया। सभी अनुभवी नेताओं को दरकिनार कर दिया गया। इसके स्थान पर चाटुकारों और अनुभवहीन लोगों की नई मंडली पार्टी का संचालन करने लगी। गुलाम नबी आजाद ने कहा, कि राहुल गाँधी अपने आस-पास अनुभवहीन लोगों को रखते है, और दिग्गज नेताओं को किनारे लगा दिया गया।
"It is therefore with great regret and an extremely leaden heart that I have decided to sever my half a century old assocation with Indian National Congress," read Ghulam Nabi Azad's resignation letter to Congress interim president Sonia Gandhi pic.twitter.com/X49Epvo1TP
— ANI (@ANI) August 26, 2022
गुलाम नबी आजाद ने राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधाते हुए कहा, कि 2019 के बाद कांग्रेस की स्थिति बदत्तर हुई है। उन्होंने कहा, कि पिछले आठ वर्षो से पार्टी का नेतृत्व एक गैर-गंभीर शख्स के नियंत्रण में रहा, ऐसा लगता है, कि कांग्रेस में राहुल गांधी के सुरक्षाकर्मी और निजी कर्मचारी ही सारे फैसले ले रहे है। गुलाम नबी आजाद ने राहुल गाँधी द्वारा पीएम मनमोहन द्वारा जारी किया गया विधेयक प्रेसवार्ता में फाड़ने वाली घटना पर कहा, यह उनकी अपरिवक्ता दिखाता है, और इस वजह से 2014 में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गुलाम नबी आजाद कांग्रेस छोड़ने के बाद अपनी नई राजनीतिक दल बनाएंगे। गुलाम नबी ने भाजपा में शामिल होने की खबरों का खंडन कर दिया है। गुलाम नबी आजाद ने न्यूज चैनल आज तक से बातचीत में कहा, कि वे नया राजनीतिक दल बनाएंगे। इसी के साथ उन्होंने एक बार फिर राष्ट्रीय राजनीति से जम्मू कश्मीर की राजनीति में लौटने के भी संकेत दिए है। आजाद ने कहा, मैं जम्मू भी जाऊंगा, कश्मीर भी जाऊंगा।