गढ़वाली लोक गीतों के माध्यम से समय-समय पर राजनेताओं, प्रशासन और सरकारी कार्य प्रणाली पर तीखे तंज कसने वाले सुप्रसिद्ध लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी (Narendra Singh Negi) का एक और गीत सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी ने अपने गढ़वाली गीत में सरकारी नौकरियों में घोटालेबाजी पर अपने गीत के जरिये कड़ा प्रहार किया है।
सोशल मीडिया पर वायरल गढ़वाली गीत के जरिए गायक नरेंद्र सिंह नेगी कह रहे है, कि लोकतंत्र में जनसेवक राजा हो गए है, और प्रजा ही शेष रह गई है। इसके साथ ही नरेंद्र सिंह नेगी यह भी कह रहे है, कि लोकतंत्र में केवल तुम्हारे ही सगे-संबंधी नौकरियों के लिए योग्य है, और हम अर्थात प्रजा शिक्षित और पढ़ी-लिखी होने के बावजूद किसी काम- काज की नहीं रह गई है। ‘नेगी दा’ के नए गीत के बोल कुछ इस प्रकार है।
हम तो प्रजा का प्रजा ही रह ग्यां लोकतंत्र मा
तुम जन सेवक राजा व्हैग्या राजा लोकतंत्र मा। जनता सढ़कियों में भ्रष्टाचार से लड़नी, और तुम भ्रष्टाचार में साझा व्हैग्या लोकतंत्र मा। फल फूललू जब राजा हमारू चैन से खाला, फल लगनी काचा खा ग्या लोकतंत्र मा। तुम्हरे ही परिजन छन यख नौकरियां काबिल, हम बल काम न काजा का व्हैग्या लोकतंत्र मा। करनी धरनी कुछ नी तुम बस भौंपू बजौंदा, नेता जी तुम ता बाजा व्हैग्या लोकतंत्र मा। अब न चलण दियोला तुम्हरी धांधलबाजी, अलसे गै छा ताजा व्हैग्या लोकतंत्र मा।
उल्लेखनीय है, कि पहले भी अपने निर्भीक और सामाजिक गीतों के जरिये गायक नरेंद्र सिंह नेगी उत्तराखंड कि राजनीती में भूचाल ला चुके है। नेगी दा का ‘नौ छमी नारेणा’ गीत व्यवस्था पर चोट करने के कारण खूब सुर्खियों में रहा था। तत्कालीन मुख्यमंत्री एनडी तिवारी पर बनाए इस गीत ने सियासत की प्याली में तूफान ला दिया था। और एक बार फिर ‘नेगी दा’ अपने नए गीत के जरिये व्यवस्था और भाई-भतीजावाद पर तीखा व्यंग्य कसा है।