उत्तराखंड में मानसूनी मौसम के मिजाज एक बाद फिर बेहद तल्ख हो गए है। भीषण बरसात गढ़वाल और कुमाऊं के पर्वतीय इलाको में कहर बनकर टूट रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पिथौरागढ़ जनपद में भारी बारिश ने भीषण तबाही मचाई हुई है। बारिश के बाद कईं नदियां में भारी उफान है। वहीं धारचूला में भारी बारिश से काली नदी के प्रवाह ने शनिवार को जमकर तबाही मचाई। भारी बरसात की वजह से 37 घरों में मलबा घुस गया है।
काली नदी में भीषण उफान आने के बाद एक मकान भरभराकर नदी में समा गया। मकान के धवस्त होने का पूरा दृश्य कैमरे में भी कैद हुआ है। काली नदी में उफान के चलते ग्रामीणों के बीच दहशत का माहौल है। भारी बारिश के बाद मलबे में दबने के कारण एक महिला की मृत्यु भी सूचना है। बरसात के बाद पहाड़ी से गिरे मलबे ने काली नदी का प्रवाह रोक दिया, जिससे यहां नदी में झील बन गई है।
#WATCH | Uttarakhand: Multiple houses washed away in areas adjoining the Kali river, due to the cloudburst in Dharchula, Pithoragarh last night. pic.twitter.com/XWZ93O0Ohw
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) September 10, 2022
उल्लेखनीय है, कि नेपाल के दार्चूला के उच्च क्षेत्र दल लेख में बादल फटने से उफनाए लास्कू नाले ने भारी तबाही मचाई है। इसका पानी काली नदी में जाने से नवगाड़ गांव और महाकाली नगर पालिका में पांच लोगों की मृत्यु की सूचना है। आपदा में 11 लोग लापता बताये जा रहे है, जबकि 30 से अधिक मकान ध्वस्त हो गए है। वहीं, भारतीय इलाके में भी भारी मात्रा में आए पानी और मलबे के चलते धारचूला के खोतिला में 36 मकानों में मलबा और बारिश का पानी घुस गया है।
मीडिया को एसडीएम नंदन कुमार ने जानकारी दी, कि मल्ली बाजार और खड़ी गली के 20 मकानों और 15 दुकानों के साथ ही खोतिला में 36 मकानों में मलबा, पानी घुसा है। आपदा से लगभग 170 लोग प्रभावित हुए है। उन्होंने कहा, कि जिला प्रशासन की टीम आपदा प्रभावितों को राहत पहुंचने में जुटी हुई है। आपदा प्रभावितों को टेंट और अन्य सामान पहुंचाने का कार्य युद्धस्तर पर किया जा रहा है।