देवभूमि उत्तराखंड में सशक्त भू-कानून के लिए गठित समिति द्वारा दी गई सिफारिशें के संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, कि उत्तराखंड सरकार शीघ्र ही भू-काूनन कमेटी द्वारा की गईं सिफारिशों का गहनता से अध्ययन करेगी। कमेटी की रिपोर्ट के अध्ययन और निरिक्षण के बाद ही भू- कानून पर संशोधन संभव हो पाएगा। हालांकि, सीएम धामी ने संकेत दिए है, कि राज्य सरकार उत्तराखंड में सख्त भ-कानून संकल्पबद्ध है।
प्रदेश हित में लंबे समय से चली आ रही भू-कानून की मांग के दृष्टिगत प्रदेशवासियों की भावनाओं का सम्मान करते हुए भू-कानून में जल्द संशोधन करेगी राज्य सरकार। pic.twitter.com/Vsin3jBBra
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) September 12, 2022
जानकारी के लिए बता दें, कि पिछले दिनों भू-कानून के लिए गठित समिति ने उत्तरखंड सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में हिमाचल प्रदेश जैसा सशक्त भू-कानून उत्तराखंड में लागू करने की बात कही थी। समिति ने भूमि खरीद के बजाय जमीन लीज पर दिए जाने की व्यवस्था पर भी जोर दिया है। कमेटी ने निवेश की संभावनाओं और भूमि की अनियंत्रित खरीद-फरोख्त के बीच संतुलन स्थापित करने की बात पर विशेष बल दिया है।
उल्लेखनीय है, कि भू-कानून के लिए गठित समिति ने उत्तराखंड राज्य में निवेश और रोजगार बढ़ाने के साथ भूमि के दुरुपयोग की रोकथाम पर विशेष फोकस दिए जाने की बात पर जोर दिया है। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट ने कहा है, कि भू-आवंटन इस प्रकार से किया जाये, जिससे राज्य में विकास के लिए निवेश बढ़ने के साथ ही रोजगार के अवसर भी बढ़ें। भू-कानून समिति ने राज्य में 12 एकड़ से ज्यादा की भूमि आवंटन पर रोक लगाने की भी वकालत की है। इसके अलावा 250 वर्ग मीटर तक भूमि खरीद- फरोख्त के लिए कड़े नियम बनाने की सिफारिश की गई है।