महाराष्ट्र के सांगली जनपद के जाट तहसील के लवंगा गाँव में चार साधुओं को बच्चा चोरी करने के संदेह में बेरहमी से पीटने का मामला सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ये सभी चारों साधु यूपी के मथुरा से पंढरपुर दर्शन के लिए जा रहे थे। कहा जा रहा है,कि स्थानीय लोगों को साधुओं की भाषा समझ में नहीं आई, और उन्होंने साधुओं को बच्चा चोर समझ कर इनकी लाठी-डंडों से पिटाई कर दी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अभी तक इस मामले में किसी के विरुद्ध केस दर्ज नहीं किया गया है। मारपीट कि घटना का वीडियो वायरल होने के बाद इस मामले में पुलिस कि प्रतिक्रिया सामने आई है। सांगली के पुलिस अधीक्षक दीक्षित गेदाम ने जानकारी दी, कि “हमें कोई औपचारिक शिकायत नहीं मिली है। हम सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो की जाँच कर रहे है, और तथ्यों की जाँच कर रहे हैं। इस मामले में आवश्यक कार्रवाई की जानी चाहिए।”
महाराष्ट्र के सांगली में मथुरा से गये चार साधुओं को बेरहमी से पीटा गया है। ये पंढरपुर दर्शन के लिए जा रहे थे। पुलिस ने इन्हें बचा लिया है। पालघर जैसी घटना है। दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।#Maharashtra @Dev_Fadnavis @mieknathshinde @myogiadityanath pic.twitter.com/pOlvduMSAG
— Alok Kumar (@dmalok) September 14, 2022
ऑपइंडिया कि रिपोर्ट्स के अनुसार, जिन साधुओं के साथ यह घटना हुई, वे मथुरा के श्री पंचमनामा जूना अखाड़ा के है। पीड़ित साधुओं के अनुसार, वे उत्तर प्रदेश के मथुरा से कर्नाटक देवदर्शन के लिए यात्रा पर आए थे। इसके बाद वह पंढरपुर दर्शन के लिए जा रहे थे। सभी साधु रात को गाँव के एक मंदिर में विश्राम के लिए ठहरे थे। दूसरे दिन सुबह एक बच्चे से रास्ता पूछने के दौरान ग्रामीणों को यह भ्रम हुआ, कि वे बच्चा चोर है, जिसके बाद ग्रामीण उन्हें बेहरमी से लाठी, डंडों से पीटने लगे।
गलतफहमी की वजह से हुई इस घटना की कोई शिकायत दर्ज नहीं हुई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, सूचना मिलने के बाद घटनास्थल पर पहुँची पुलिस ने घायल साधुओं का उपचार कराया। पुलिस ने बताया, कि चारों साधु वहाँ से बिना शिकायत दर्ज कराए ही चले गए। लिखित शिकायत नहीं मिलने के कारण पुलिस ने मारपीट करने वालों के विरुद्ध कोई भी कार्रवाई नहीं की। पुलिस की पूछताछ के बाद साधु पंढरपुर के लिए निकल गए।
Correction | On reports of 4 monks* (Sadhu) being attacked by villagers in Sangli on suspicion of being child-lifters, Sangli SP Dikshit Gedam said, "We've not received any complaint/formal report, but are looking into viral videos & verifying facts. Necessary action to be taken"
— ANI (@ANI) September 14, 2022
उल्लेखनीय है, कि महाराष्ट्र में साधुओं के साथ मारपीट का यह पहला मामला नहीं है। दो साल पहले पालघर जिले में दो निर्दोष साधुओं की भीड़ ने पीट-पीटकर बेरहमी हत्या कर दी थी। जूना अखाड़ा के वृद्ध महंत कल्पवृक्ष गिरी महाराज (70 वर्ष) और महंत सुशील गिरी महाराज (35 वर्ष) अपने ड्राइवर निलेश तेलगडे (30 वर्ष) के साथ मुंबई से गुजरात अपने गुरु भाई को समाधि देने के लिए जा रहे थे।
16 अप्रैल 2020 की रात पालघर के दहानु तालुका के आदिवासी बहुल गडचिंचले गाँव में सैकड़ों लोगों की भीड़ ने उन तीनों पर हमला किया और उनकी पीट-पीट कर हत्या कर दी। पालघर में साधुओं की मॉब लिंचिंग के बाद मीडिया रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी, कि आदिवासी इलाकों में हिंदू संतों के विरुद्ध अफवाह फैलाई गई और इसी वजह से निर्दोष संतों की मॉब लिंचिंग हुई। इस षड्यंत्र में ईसाई मिशनरियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में थी।