उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने परिसंपत्तियों के बंटवारे के बकाया 100 करोड़ रुपये जारी कर दिए है। इसके बाद लगभग 19 साल बाद रोडवेज की परिसंपत्तियों के विवाद का पटाक्षेप हो गया। परिवहन मंत्री चंदन राम दास ने इस मौके पर कहा, कि यह धनराशि मिल जाने से रोडवेज की व्यवस्थाओं को बेहतर करने में सहायता मिलेगी।
सोमवार (19 सितम्बर 2022) को परिवहन मंत्री चंदनराम दास ने अपने आवास पर आयोजित प्रेस वार्ता में कहा, कि यूपी सरकार से 100 करोड़ रुपये मिलने के साथ ही रोडवेज का परिसंपत्ति विवाद भी समाप्त हो गया है। परिवहन मंत्री ने कहा, कि मुख्यमंत्री धामी ने वर्ष 2025 में उत्तराखंड को देश के अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करने का आह्वान किया है। इसके अंतर्गत रोडवेज काठगोदाम में आईएसबीटी, टनकपुर डिपो को सेंट्रल डिपो के रूप में विकसित किया जायेगा। इसके अलावा काशीपुर, रामनगर, हल्द्वानी, पौड़ी, श्रीनगर, हरिद्वार, रुड़की को आधुनिक डिपो बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री धामी ने अपने ट्विटर संदेश में लिखा, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा परिवहन निगम की परिसम्पत्तियों की शेष ₹100 करोड़ की धनराशि उत्तराखण्ड परिवहन निगम को उपलब्ध कराने के लिये उ.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी का हार्दिक आभार।
इस से निश्चित तौर पर उत्तराखण्ड परिवहन निगम को अपनी अवस्थापना सुविधाओं के विकास में मदद मिलेगी।
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) September 19, 2022
उल्लेखनीय है, कि बीते साल 18 नवंबर 2021 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के सीएम पुष्कर धामी के बीच रोडवेज के बंटवारे के रूप में उत्तराखंड को 205 करोड़ रुपये देने पर सहमति बनी थी। 105 करोड़ रुपये पहले ही प्राप्त हो चुके है। बता दें, उत्तराखंड राज्य में रोडवेज का गठन वर्ष 2003 में हुआ था। इसके बाद से ही उत्तर प्रदेश सरकार के साथ परिसंपत्तियों को लेकर विवाद चल रहा था।