मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार (23 सितम्बर 2022) की शाम विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी द्वारा वर्ष 2016 के बाद विधानसभा में हुई सभी बैकडोर भर्तियों को निरस्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। बता दें, तीन सदस्यीय जांच कमेटी की रिपोर्ट के बाद अध्यक्ष ऋतु खंडूरी भूषण ने शुक्रवार को बैकडोर भर्तियों की नियुक्तियों को निरस्त कर दिया था। विधानसभा स्पीकर द्वारा कुल 250 भर्तियों को निरस्त किया गया है।
Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami has approved the proposal of the Speaker to cancel 228 backdoor recruitments late in the evening. After the report of the three-member inquiry committee, Speaker Ritu Khanduri Bhushan today cancelled the above appointments.
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) September 23, 2022
मुख्यमंत्री धामी ने अपने ट्विटर संदेश में जानकारी दी, “आज माननीय विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती ऋतु खंडूरी जी द्वारा प्रस्तावित अनियमित भर्तियों को निरस्त करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। शुचितापूर्ण एवं पारदर्शी प्रक्रिया का सफल क्रियान्वयन हमारी सरकार का संकल्प है, जिसके लिए हम पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहे है।”
आज माननीय विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती @RituKhanduriBJP जी द्वारा प्रस्तावित अनियमित भर्तियों को निरस्त करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है।
शुचितापूर्ण एवं पारदर्शी प्रक्रिया का सफल क्रियान्वयन हमारी सरकार का संकल्प है, जिसके लिए हम पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहे हैं। pic.twitter.com/pMh9z9thmz
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) September 23, 2022
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शुक्रवार (23 सितम्बर 2022) को विधानसभा में आयोजित प्रेस वार्ता में स्पीकर ऋतु खंडूडी ने कहा, कि बैकडोर भर्ती की जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय समिति ने गुरुवार देर रात उन्हें अंतरिम रिपोर्ट सौंपी। इसी रिपोर्ट की संस्तुति के अनुसार, वो 2016 के बाद नियुक्त सभी तदर्थ नियुक्तियों को निरस्त कर रही है।
"सुशासन एवं पारदर्शिता ही है हमारा संकल्प"#विधानसभा_अध्यक्ष #उत्तराखण्ड pic.twitter.com/AwZmbNIpOR
— Ritu Khanduri Bhushan (@RituKhanduriBJP) September 23, 2022
विधानसभा अध्यक्ष के अनुसार, देहरादून और गैरसैण विधानसभा के लिए पदों का पुनर्गठन होगा। विधानसभा में 2011 से पूर्व भर्ती हुए कर्मचारी नियमित हो चुके है, इन पर विधिक राय लेने के बाद ही कोई निर्णय लिया जायेगा।
विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूड़ी ने कहा, कि जांच समिति ने माना है, कि जो भी तदर्थ नियुक्तियां हुईं थी, वह नियम के खिलाफ थी। उनके लिए ना तो विज्ञापन निकाला गया, ना रोजगार कार्यालय से कोई आवेदन मंगाए गए। जांच समिति ने माना है, कि इन भर्तियों से संविधान के अनुच्छेद 14 और अनुच्छेद 16 का उल्लंघन हुआ है।
उन्होंने कहा, कि 32 पदों के लिए चल रही भर्ती में दागी एजेंसी के चयन के मामले में सचिव मुकेश सिंघल की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। इसलिए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है, इस मामले की जांच में यदि सिंघल दोषी पाए गए, तो विभागीय कार्यवाई की जाएगी।
विधानसभा अध्यक्ष के रूप में मैंने ये निर्णय भी लिया है की इस पूरे प्रकरण में विधानसभा सचिव की संदिग्ध भूमिका की जांच की जाएगी। जांच पूरी होने तक विधानसभा सचिव श्री मुकेश सिंघल को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है।
— Ritu Khanduri Bhushan (@RituKhanduriBJP) September 23, 2022
जानकारी के लिए बता दें, वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने बीते तीन सितंबर को भर्ती प्रकरण की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था। इस समिति में सेवानिवृत्त आइएएस डीके कोटिया की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय विशेषज्ञ समिति ने जांच के दायरे में अंतरिम विधानसभा से लेकर चौथी विधानसभा तक हुई सभी नियुक्तियों को लिया था।
उल्लेखनीय है, कि वर्ष 2011 में विधानसभा में नियुक्तियों के लिए उत्तराखंड विधानसभा सचिवालय सेवा नियमावली अस्तित्व में आई, जो वर्ष 2012 से लागू की गई थी। इस दौरान कांग्रेस के शासनकाल में 150 और भाजपा के शासनकाल में 72 नियुक्तियां की गईं थी।