कांग्रेस में होने वाले नए अध्यक्ष पद का चुनाव राजस्थान सरकार के लिए ग्रहण बन गया है। कांग्रेस पार्टी एक मुसीबत से निकलने का प्रयास करती है, तो दूसरे में फँस जाती है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नए पार्टी अध्यक्ष के चुनाव और भारत जोड़ो यात्रा के बीच राजस्थान में सियासी संकट के चलते आज सोनिया गांधी के निवास 10 जनपथ पर महत्वपूर्ण बैठक होगी। राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को राजस्थान का अगला सीएम बनाए की सुगबुगाहट के बीच अशोक गहलोत गुट के विधायकों ने इसका भारी विरोध किया है।
Delhi | We are going to 10 Janpath & will meet Congress interim president Sonia Gandhi. We will apprise her about the events (about the Rajasthan Congress crisis). She will eventually take the decision on it: Congress leader Mallikarjun Kharge after arriving in Delhi from Jaipur pic.twitter.com/2Efy7dCkM8
— ANI (@ANI) September 26, 2022
उल्लेखनीय है, कि कांग्रेस में करीब दो दशको के बाद हो रहे पार्टी अध्यक्ष के चुनाव में खड़े राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाकर शीर्ष नेतृत्व एक समस्या का समाधान खोजा जा रहा था, लेकिन इससे राजस्थान में मुख्यमंत्री पद को लेकर दूसरी समस्या खड़ी हो गई है। सचिन पायलट को अशोक गहलोत का उत्तराधिकारी बनाए जाने के विरोध में गहलोत समर्थक माने जाने वाले 92 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को विरोध में अपना त्याग पत्र भी सौंप दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्रीय प्रवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन बागी विधायकों ने सामने कुछ शर्तें रखते हुए मिलने से इनकार कर दिया है। बताया जा रहा है, कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व बागी विधायकों की इन शर्तों पर सहमत नहीं दिख रहा है। ऐसे में खड़गे और अजय माकन गहलोत से मुलाकात करके दिल्ली लौटेंगे और पूरी रिपोर्ट पार्टी आलाकमान को सौंपेंगे।
रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान में उठे सियासी तूफ़ान को थामने के लिए पार्टी का शीर्ष नेतृत्व राज्य के वर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पार्टी अध्यक्ष के साथ-साथ राज्य का मुख्यमंत्री पद भी दे सकती है। कुछ समय पश्चात जब राज्य के राजनीतिक विद्रोह में कुछ सुधार देखने को मिलेगा, तो इसके बाद पार्टी किसी प्रकार के बदलाव का विचार कर सकती है। बताया जा रहा है, कि अशोक गहलोत भी पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बजाय मुख्यमंत्री बने रहना पसंद कर रहे है।
जानकारी के लिए बता दें, 23 सितंबर को अशोक गहलोत ने जब काग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन करने की घोषणा की थी। इसके बाद से राजस्थान के नए मुख्यमंत्री को लेकर चर्चा शुरू हो गई। सीएम के उम्मीदवार पर कुछ दिन की शांति के बाद पार्टी में एक बार फिर घमासान मचा हुआ है। गहलोत गुट के बागी विधायकों ने सीएम पद के लिए सचिन पायलट को नकार दिया है। उन्होंने स्पष्ट कहा है, कि बगावत करने वाले विधायकों में से किसी को भी मुख्यमंत्री न बनाया जाए।