उत्तरकाशी जिले में स्थित दुर्गम हिमालयी क्षेत्र में प्रशिक्षण के लिए गए नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (NIM) के दल में से 29 सदस्य बीते रविवार को डोकराणी बामक ग्लेशियर क्षेत्र में हिमस्खलन की चपेट में आने के बाद लापता हो गए थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इनमें 26 पर्वतारोहियों के शव बरामद किए जा चुके है। खराब मौसम होने के चलते रेस्क्यू टीम को लगातार चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, उत्तरकाशी के डोकराणी बामक ग्लेशियर क्षेत्र से रेस्क्यू दल ने बीते गुरुवार को 15 शव बरामद किए थे। जबकि चार शव घटना के दिन ही बरामद हो गए थे। रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार को रेस्क्यू टीम ने सात प्रशिक्षु पर्वतारोहियों के शव बरामद किये। अब तक कुल 26 पर्वतारोहियों के शव बरामद किए जा चुके है।
Uttarkashi Avalanche | Till now, 26 bodies have been recovered. Search and rescue operation is in progress for the remaining 3 trainees: Nehru Institiute of Mountaineering (NIM) pic.twitter.com/fOWDYU0k4k
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) October 7, 2022
अभी भी 03 प्रशिक्षु पर्वतारोही लापता हैं। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया, कि द्रौपदी का डांडा क्षेत्र में लापता प्रशिक्षु पर्वतारोहियों की तलाश के लिए खोज बचाव टीम जुटी हुई है। अब तक मिले 19 शवों में से दो निम के प्रशिक्षक और 24 प्रशिक्षुओं के है। सभी पर्वतारोहियों के शव डोकरानी बामक एडवांस बेस कैंप में लाए गए है। हवाई रेस्क्यू शुरू होने पर इन्हें उत्तरकाशी लाया जाएगा।
आज सुबह सात बजे हर्षिल आर्मी हेलीपैड से द्रोपदी का डंडा रेस्क्यू हेतु दो चीता हेलीकॉप्टर द्वारा उड़ान भरी गई। उक्त हेलीकॉप्टर द्वारा चार शवों को मातली हेलीपैड लाने का प्रयास किया गया, लेकिन खराब मौसम के चलते शवों को हर्षित हेलीपैड पर उतार दिया गया। प्रशिक्षु पर्वतारोही मृतकों में अल्मोड़ा निवासी अजय बिष्ट और शिवम कैंथल निवासी शिमला हिमाचल शिनाख्त हुई है।
द्रोपदी का डंडा क्षेत्र में दोपहर बाद हल्की बर्फबारी शुरू हो जाने से हेलीकॉप्टरों से किया जा रहा रेस्क्यू रोक दिया गया है। हालांकि घटनास्थल पर रेस्क्यू टीमें लापता पर्वतारोहियों की तलाश में जुटी हुई है। यह खोज अभियान नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (NIM) एसडीआरएफ और जम्मू-कश्मीर हाई एल्टीटयूट वारफेयर स्कूल, गुलमर्ग की 14 सदस्यीय टीम चला रही है।
Uttarkashi avalanche | Rescue operations delayed for Draupadi's Danda-2 peak with currently prevailing bad weather conditions pic.twitter.com/YIgLXPWnho
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) October 7, 2022
नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के प्राचार्य रहे कर्नल (सेवानिवृत) अजय कोठियाल ने कहा, कि हिमस्खलन की चपेट में आए पर्वतारोहियों को सुरक्षित बचाने के प्रयास वक्त गुजरने के साथ-साथ कठिन होते जा रहे है। कर्नल कोठियाल ने कहा, कि अब तक बचाव दल को एक भी घायल नहीं मिला है। इसका अर्थ यह है, कि या तो वो गंभीर रूप से घायल होकर एक ही स्थान पर बेबस पड़े है या फिर क्रेवास में फंसे हुए है। ऐसे हालात में बर्फबारी उन्हें और ढक सकती है।
जानकारी के लिए बता दें, कि नेहरू पर्वतारोहण संस्थान का 42 सदस्यीय दल 23 सितबंर को द्रौपदी का डांडा में प्रशिक्षण के लिए गया था। मंगलवार को एवलांच की चपेट में दल के 34 सदस्य आ गए थे। पांच घायलों का उत्तरकाशी में उपचार चल रहा है।