प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को दिल्ली के प्रगति मैदान में इंटरपोल के 90वीं महासभा का शुभारंभ किया। महासभा के उद्घाटन के दौरान पीएम मोदी ने पोस्टल स्टांप और 100 रुपये का सिक्का भी जारी किया। पीएम मोदी ने कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में कहा, कि विविधता और लोकतंत्र को कायम रखने में भारत दुनिया के लिए एक केस स्टडी है। उन्होंने कहा, कि विगत 99 वर्षों में इंटरपोल ने 195 देशों में विश्व स्तर पर पुलिस संगठनों को जोड़ा है, और यह कानूनी ढांचे में अंतर के बावजूद है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय सैन्य बलों की प्रशंसा करते हुए कहा, कि संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान में बहादुर लोगों को भेजने में शीर्ष योगदानकर्ताओं में से एक है। उन्होंने कहा, कि अपनी आजादी से पहले भी, हमने विश्व को एक बेहतर स्थान बनाने के लिए बलिदान दिया है। भारतीय पुलिस बल 900 से अधिक राष्ट्रीय और 10,000 राज्य कानूनों को लागू करता है।
Delhi | At the 90th Interpol General Assembly, Prime Minister Narendra Modi releases the commemorative postal stamp and commemorative coins of Rs 100 denomination. pic.twitter.com/JhLN5P79hK
— ANI (@ANI) October 18, 2022
90वीं इंटरपोल महासभा को संबोधित करते प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, कि इंटरपोल एक ऐतिहासिक मील के पत्थर के करीब पहुंच रहा है। 2023 में, यह अपने 100 साल पूरे करेगा। यह दुनिया को एक बेहतर स्थान बनाने के लिए सार्वभौमिक सहयोग का आह्वान है। भारत संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान में शीर्ष योगदानकर्ताओं में से एक है। दुनिया भर में पुलिस बल ना सिर्फ लोगों की रक्षा कर रहे है, बल्कि सामाजिक कल्याण को आगे बढ़ा रहे है।
उल्लेखनीय है, कि सम्मेलन के पहले दिन पाकिस्तान के अधिकारियों को कुख्यात आतंकी हाफिज सईद और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम पर सवाल से दो चार होना पड़ा। एक पत्रकार ने पाकिस्तान के संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) के महानिदेशक मोहसिन बट से सवाल किया, कि क्या हाफिज सईद और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को भारत को सौंपा जाएगा। इस पर मोहसिन बट ने जवाब देने से साफ इंकार कर दिया। पत्रकार के सवाल पर मोहसिन बट बगलें झाँकने लगे।
#WATCH | Pakistan's director-general of the Federal Investigation Agency (FIA) Mohsin Butt, attending the Interpol conference in Delhi, refuses to answer when asked if they will handover underworld don Dawood Ibrahim & Lashkar-e-Taiba chief Hafiz Saeed to India. pic.twitter.com/GRKQWvPNA1
— ANI (@ANI) October 18, 2022
बता दें, कि महासभा इंटरपोल की सर्वोच्च शासी निकाय है और इससे संबंधित अहम फैसले निर्णय लेने के लिए वर्ष में एक बार बैठक आयोजित की जाती है। करीब 25 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद भारत में इंटरपोल महासभा की बैठक आयोजित हो रही है। इसे पहले अंतिम बार यह बैठक भारत में 1997 में हुई थी।
भारत की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के समारोह के साथ नई दिल्ली में 2022 में इंटरपोल महासभा की मेजबानी करने के भारत के प्रस्ताव को स्वीकार किया गया था। यह आयोजन पूरी दुनिया को भारत की कानून और व्यवस्था प्रणाली में सर्वोत्तम प्रथाओं को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करता है। कार्यक्रम के इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, इंटरपोल के अध्यक्ष अहमद नासर अल रायसी और महासचिव श्री जुर्गन स्टॉक, सीबीआई निदेशक भी उपस्थित रहे।