गिलोय को इसके गुणों के कारण अमृत के समान समझा जाता है। इसका वानस्पतिक नाम टीनोस्पोरा कॉर्डीफोलिया है। आयुर्वेद में इसके बहुत सारे लाभ बताए गए हैं। गिलोय एक ऐसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जो व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा कर उसे अनेक बीमारियों से दूर रखती है। इसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं। जो शरीर में से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने का काम करते हैं।
गिलोय इम्युनिटी बढ़ाने के साथ-साथ कई मामलों में लाभकारी है। यह खून को साफ करती है, बैक्टीरिया से लड़ती है। लिवर और किडनी की अच्छी देखभाल भी गिलोय के बहुत सारे कामों में से एक है। गिलोय एक ही ऐसी बेल है, जिसे संस्कृत में अमृता नाम दिया गया है। कहते हैं, कि देवताओं और दानवों के बीच समुद्र मंथन के दौरान जब अमृत निकला और इस अमृत की बूंदें जहां-जहां छलकीं वहां-वहां गिलोय की उत्पत्ति हुई।
गिलोय के फायदे
- गिलोय में कई चिकित्सीय तत्व होते हैं जो हमारे शरीर के लिए चमत्कार का काम करते हैं। गिलोय में एंटी एजिंग गुण होते हैं जिसकी मदद से चेहरे से काले धब्बे, मुंहासे, बारीक लकीरें और झुर्रियां दूर की जा सकती हैं। अगर आप इसे त्वचा पर लगाते हैं तो घाव बहुत जल्दी भरते हैं। त्वचा पर लगाने के लिए गिलोय की पत्तियों को पीस कर पेस्ट बनाएं। इस पेस्ट को लगाने से त्वचा में कसावट भी आती है।
- गिलोय की गोलियों या जूस को खाली पेट सुबह लेने से पेट की जलन की समस्या से राहत मिलती है। यह गिलोय पाचन तंत्र के सारे कार्यो को भली-भांति संचालित करता है और भोजन को पचाने की प्रक्रिया में मदद करता है। इसके सेवन से व्यक्ति कब्ज और पेट की दूसरी गड़बडिय़ों से दूर रहता है।
- गिलोय को आँखो की पलकों के ऊपर लगाने पर आंखों की रोशनी बढ़ती है। इसके लिए आपको गिलोय पाउडर को पानी में गर्म करना होगा। जब पानी अच्छी तरह से ठंडा हो जाए तो इसे पलकों के ऊपर लगाएं।
- गिलोय एडाप्टोजेनिक हर्ब है अत:मानसिक दवाब और चिंता को दूर करने के लिए उपयोग अत्यधिक लाभकारी है। गिलोय एडप्टोजन की तरह काम करती है। और मानसिक तनाव और चिंता (एंजायटी) के स्तर को कम करती है। इसकी मदद से न केवल याददाश्त बेहतर होती है बल्कि मस्तिष्क की कार्यप्रणाली भी दुरूस्त रहती है और एकाग्रता बढ़ती है।
- गिलोय में शरीर में शुगर और लिपिड के स्तर को कम करने का खास गुण होता है। गिलोय एक हाइपोग्लाइसेमिक एजेंट है यानी यह खून में शर्करा की मात्रा को कम करती है। इसलिए इसके सेवन से खून में शर्करा की मात्रा कम हो जाती है, जिसका फायदा टाइप टू डायबिटीज के मरीजों को होता है।