अभी कुछ दिनों पहले सुप्रीम कोर्ट ने जबरन धर्मांतरण को देश की सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा बताया है। इसी क्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, कि जबरन धर्मांतरण एक बहुत बड़ी समस्या है, और इसी के मद्देनजर राज्य सरकार ने देवभूमि में धर्मांतरण रोकने के लिए सख्त कानून लाने का निर्णय किया है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “धर्मांतरण को लेकर भी हमारी सरकार ने कड़ा फ़ैसला लिया है। देश में सबसे कठोर सजा का क़ानून हम धर्मांतरण पर लागू करने जा रहे है।
"धर्मांतरण को लेकर भी हमारी सरकार ने कड़ा फ़ैसला लिया है। देश में सबसे कठोर सजा का क़ानून हम धर्मांतरण पर लागू करने जा रहे हैं।" मुख्यमंत्री श्री @pushkardhami pic.twitter.com/SJGWt3NMMI
— CM Office Uttarakhand (@ukcmo) November 18, 2022
पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, कि देवभूमि में जबरन धर्मांतरण एक अत्यंत गंभीर मामला है, जो नहीं होना चाहिए। इसके लिए सरकार ने सख्त कानून लाने का फैसला लिया है। गौरतलब है, कि कैबिनेट बैठक में धामी सरकार ने उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक को अनुमति दी है। इस विधेयक में जबरन धर्मांतरण के लिए 10 साल तक सजा का प्रावधान किया जाएगा। कोई भी व्यक्ति जबरन धर्मांतरण की शिकायत दर्ज कर सकता है।
सीएम धामी ने कहा, कि राज्य में विधानसभा चुनाव से पूर्व उत्तराखंड की जनता के समक्ष हमने यह वादा किया था, कि हम प्रदेश के अंदर सभी के लिए समान नागरिक संहिता लागू करेंगे। उन्होंने कहा, कि प्रदेश की जनता ने इस पर प्रचंड बहुमत दिया। सत्ता में आने के बाद सबसे पहले समान नागरिक संहिता के लिए कमेटी का गठन किया। कमेटी सभी वर्गों से सुझाव लेकर प्रस्ताव तैयार कर रही है।
उल्लेखनीय है, कि हाल ही में जबरन धर्म परिवर्तन पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। शीर्ष अदालत में जस्टिस एमआर शाह ने सुनवाई के दौरान कहा, कि ये एक बेहद ही गंभीर मामला है। सभी को धर्म चुनने का अधिकार है, लेकिन जबरन धर्मांतरण से नहीं। ये बहुत ही खतरनाक है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट अब 28 नवंबर को अगली सुनवाई करेगा।