मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार (20 नवंबर 2022) को नई दिल्ली में 2012 में घटित छावला सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड की पीड़िता के माता-पिता से मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने पीड़िता के माता-पिता को आश्वासन देते हुए कहा, कि उत्तराखंड की बेटी को न्याय दिलाने के लिए उत्तराखंड सरकार हर संभव प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित उत्तराखंड सदन में पीड़िता के माता-पिता से मुलाकात के दौरान कहा, कि उन्होंने इस संबंध में केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू से भी वार्ता की है। सीएम धामी ने कहा, कि उन्होंने शीर्ष न्यायालय में प्रकरण की पैरवी कर रही वकील चारू खन्ना से भी मुकदमें की पूरी जानकारी ली है।
CM Dhami also said that he has spoken to Union Law Minister Kiren Rijiju and has also taken complete information from the concerned lawyer in the case: Uttarakhand Chief Minister's Office
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 20, 2022
गौरतलब है, कि सीएम पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में उत्तराखंड की बेटी के पिता से फोन पर बातचीत की थी। पीड़िता के पिता को सीएम धामी ने सांत्वना देते हुए कहा था, कि वे शीघ्र ही दिल्ली आकर उनसे भेंट करेंगे।
जानकारी के लिए बता दें, वर्ष 2012 में दिल्ली के छावला क्षेत्र से 19 वर्षीय उत्तराखंड निवासी एक युवती का अपहरण किया गया था। इसके बाद उसे हरियाणा के रेवाड़ी ले जाकर 3 दिन तक सामूहिक बलात्कार किया गया था। युवती पर हैवानों की निर्ममता यही नहीं रुकी, और उन्होंने युवती के चेहरे पर तेजाब डाल दिया गया था और शरीर के कई हिस्सों में गर्म लोहे से गंभीर जख्म दिए थे।
पुलिस ने जब युवती का शव बरामद किया था, तब प्राइवेट पार्ट में बोतल फँसी हुई मिली थी। बलात्कार और निर्मम हत्याकांड में पुलिस ने तीन आरोपित रवि, राहुल और विनोद को हिरासत में लिया था। पुलिस ने युवती के अपहरण के वक्त सामने आए प्रत्यक्षदर्शीयों के बयान के आधार पर लाल इंडिका गाड़ी की खोजबीन की थी। इसके बाद संदिग्ध वाहन के साथ राहुल नामक एक आरोपित को गिरफ्तार किया गया था।
पुलिस के अनुसार, आरोपित राहुल ने गिरफ्तारी के बाद पुलिस के सामने अपना अपराध कबूल किया था, और अपराध में शामिल अपने दोनों साथियों रवि और विनोद के बारे में भी जानकारी दी थी। इन तीनों की निशानदेही के बाद लड़की का शव बरामद किया गया था। पुलिस ने कहा था, कि रवि ने अपराध की साजिश रची, क्योंकि युवती ने रवि के प्रेम प्रस्ताव को ठुकरा दिया था।
इस खौफनाक घटना पर अपना फैसला सुनाते हुए दिल्ली की निचली अदालत ने डीएनए रिपोर्ट समेत अन्य अकाट्य साक्ष्यों के आधार पर तीनों को दोषी करार देते हुए साल 2014 में मौत की सजा सुनाई थी। इसके बाद तीनों युवकों ने उच्च न्यायालय का रुख किया था। हालाँकि, हाई कोर्ट ने भी उनकी सजा को बरकरार रखते हुए कहा था, ये वो हिंसक जानवर हैं, जो सड़कों पर शिकार ढूँढ़ते है। लेकिन, अब सुप्रीम कोर्ट ने तीनों आरोपितों को बरी कर दिया है।