वैश्विक महामारी कोरोना की उत्पत्ति को लेकर समय-समय कई दावे किए जाते रहे है। कई रिपोर्ट्स इस संक्रमण को जीव-जनित बताते है, जबकि कई विशेषज्ञों का अनुमान है, कि यह अत्यंत खतरनाक वायरस चीन स्थित वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (WIV) से लीक हुआ था। अब इस जानलेवा कोरोना संक्रमण को लेकर वुहान लैब की सहयोगी संस्था में काम कर चुके एक वैज्ञानिक ने अहम खुलासा किया है।
अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थान ‘द सन’ की रिपोर्ट के अनुसार, चीन स्थित ‘वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी’ में काम कर चुके वैज्ञानिक एंड्रयू हफ ने दावा किया है, कि कोरोना एक मानव निर्मित वायरस है, जो वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (WIV) से लीक हो गया था।
Scientist who worked at Wuhan lab makes startling revelation; says COVID was man-made virus
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महामारी पर शोध करने वाले वैज्ञानिक हफ ने अपनी नई पुस्तक ‘द ट्रूथ अबाउट वुहान’ में इस बात उल्लेख किया है, कि कोरोना को ढाई साल पहले चीन स्थित वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से लीक किया गया था। वैज्ञानिक हफ ने इस त्रासदी को 9/11 के बाद की सबसे बड़ी अमेरिकी खुफिया विफलता बताया और इसके लिए अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया।
वैज्ञानिक हफ ने लिखा, “चीन पहले दिन से यह पता था, कि कोरोना वायरस को जेनेटिक इंजीनियरिंग के जरिये से निर्मित किया गया था। हफ के अनुसार, इस आपदा के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए, क्योंकि बायोटेक्नोलॉजी की ये तकनीक अमेरिका ने चीन को दी थी। चीन में कोरोना वायरस अमेरिकी सरकार के वित्त पोषण का परिणाम था।
एंड्रयू हफ ने अपनी पुस्तक में दावा किया है, कि “विदेशी लैब में बायो-सेफ्टी (खतरनाक रोगाणुओं से बचाव के उपाय), बायो-सिक्योरिटी (वायरस के प्रसार की रोकथाम) को सुनिश्चित करने और आपदा प्रबंधन के लिए आवश्यक प्रबंध नहीं किये गए थे। अंततः यही गलतियां वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से वायरस लीक होने की वजह बनी।
बता दें, एंड्रयू हफ ‘न्यूयॉर्क स्थित एक गैर-लाभकारी संस्थान इकोहेल्थ एलायंस’ के पूर्व उपाध्यक्ष भी रहा चुके है। ये संस्थान अमेरिका के ‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH)’ के साथ संयुक्त उपक्रम में पिछले एक दशक से चमगादड़ों में अलग-अलग कोरोना वायरस का अध्ययन कर रहा है और इस संस्था ने वुहान लैब के साथ जेनेटिक इंजीनियरिंग’ के क्षेत्र में भी कार्य किये थे। बता दें, ‘जेनेटिक इंजीनियरिंग’ के जरिये किसी जीव के जींस में छेड़छाड़ कर उसकी संरचना को बदला जा सकता है।
पिछले दो वर्षों में लगातार कई ऐसे दावे सामने आए है, जिससे कहा गया था, कि वायरस लैब से लीक हो गया था। यह लैब कोरोना की उत्पत्ति के बारे में सदैव चर्चा का केंद्र रहा है। हालाँकि, चीन के सरकारी अधिकारियों और लैब कर्मचारियों ने हमेशा इस बात से इनकार किया है, कि कोरोना वायरस लैब से लीक हुआ था।