चाइनीज इंस्टेंट लोन एप के जरिये देशभर के सैकड़ो लोगों से 300 करोड़ से अधिक की ठगी करने वाले चीनी जालसाजों के एक भारतीय साथी को उत्तराखंड पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स (STF) व साइबर क्राइम पुलिस ने गिरोह के सरगना को हरियाणा के गुरुग्राम से गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है, आरोपी कई बार चीन जा चुका है और चीनी भाषा भी जानता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गिरफ्तार आरोपी अंकुर ढींगरा की कंपनी 15 मोबाइल एप संचालित करती थी। इन एप के जरिये उत्तराखंड के भी 247 लोगों को शिकार बनाया गया है। आरोपी को न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दिया गया है। उसे जल्द ही पुलिस कस्टडी रिमांड में भी लिया जाएगा।
बीते बुधवार (11 जनवरी 2023) को पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने पुलिस मुख्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में बताया, कि एप डाउनलोड करवाकर यह गिरोह लोन के नाम पर ठगी करने के साथ ही ग्राहकों की निजी जानकारी प्राप्त कर उन्हें ब्लैकमेल भी करता था। इस मामले में कई चीनी नागरिको के नाम भी सामने आये है। चाइनीज फ़र्ज़ी लोन एप के माध्यम से 300 करोड़ की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन एवं एसटीएफ ने अभियुक्त अंकुर ढींगरा को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया।
उत्तराखण्ड पुलिस ने किया बड़े #CyberFraud का खलासा
चाइनीज फ़र्ज़ी लोन एप के माध्यम से 300 करोड़ की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन एवं STF ने अभियुक्त अंकुर ढींगरा को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया।
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— Ashok Kumar IPS (@AshokKumar_IPS) January 11, 2023
डीजीपी द्वारा जानकारी दी गई, कि देहरादून स्थित लुनिया मोहल्ला निवासी एक व्यक्ति ने पिछले वर्ष 29 दिसंबर को आनलाइन लोन एप के माध्यम से लगभग 17 लाख रुपये की साइबर ठगी की शिकायत की थी। पीड़ित ने पुलिस को बताया था, उनके फोन पर एक मैसेज आया था। मैसेज में एक लिंक भेजा गया था, जिस पर क्लिक किया तो उनसे विभिन्न शुल्क के नाम पर रुपये मांगे गए। पीड़ित ने ठगों के कहने पर कुछ ही दिनों में कुल 17 लाख रुपये ठगों के खातों में जमा कर दिए।
इसके बाद जब व्यक्ति को अपने साथ हुई ठगी का एहसास हुआ, तो उन्होंने इसकी सूचना साइबर थाने को दी। पुलिस को जांच के दौरान पता चला, कि पीड़ित से जिस लोन एप के जरिये ठगी की गई थी, उसे हेक्टर लेंडकरो प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी संचालित करती है। इस मामले की जाँच एसटीएफ और साइबर क्राइम पुलिस को सौंपी गई। जांच के दौरान ये सामने आया, कि केंद्र सरकार के एनसीआरपी पोर्टल पर भी फर्जी लोन एप के जरिये से इसी तरह की धोखाधड़ी की दर्जनों शिकायतें दर्ज है।
पुलिस को जांच के दौरान पता चला, कि इस एप को चीन में बैठे कुछ लोग चलाते है। तमाम बैंक अकाउंट और लोन एप की जानकारी लेते हुए साइबर थाना पुलिस आरोपित अंकुर ढींगरा निवासी मोहन गार्डन, उत्तम नगर, नई दिल्ली तक पहुंच गई। पुलिस ने बीते बुधवार की सुबह अंकुर ढींगरा को गिरफ्तार कर लिया। मामले में चीन के पांच नागरिकों के नाम भी सामने आए है। इनके नाम कुआंग योगुआंग उर्फ बोल्ट, डिफान वांग उर्फ स्कॉट वांग, मियाओ जैंग उर्फ सिसेरो, वांज्यू ली उर्फ फोर्स और हे जेबू उर्फ लियो है।
पुलिस के अनुसार, पूछताछ के दौरान आरोपित अंकुर ढींगरा ने बताया, कि वह इन्हीं पांच नागरिकों से सीधे तौर पर संपर्क में रहता था। हेक्टर लेंडकरो नाम से साल 2019 में एक फर्जी एप चीन हांगकांग से बनाये और संचालित किये जाते है। एप का प्रचार -प्रसार चीनी और भारतीय मूल के नागरिकों को मोटा कमीशन देकर कराया जाता था। एप डाउनलोड करने वाले व्यक्ति को लोन दिए जाने की प्रक्रिया के दौरान उनकी बैंक डिटेल लेकर ठगी की जाती है।
पुलिस के अनुसार, इस कंपनी के सभी 15 मोबाइल एप को बंद कराने के लिए साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल को पत्र लिखा गया है। कई मोबाइल एप के नाम भारतीय रखे गए है। ऐसे में लोग आसानी से इनके झांसे में आ जाते थे। इनमें कैशफुल,पंचमनी, रुपीगो, रूपी हेयर, लोनयू, ड्रीम लोन,क्विक रूपी, ग्रैंड लोन, ड्रीम लोन, होपलोन, कैशमो, रुपीमो, क्रेडिट लोन, लेंडकर, रॉकऑन और लेंड नाऊ आदि शामिल है।
पुलिस की पूछताछ में आरोपित अंकुर ढींगरा ने बताया, कि वह आनलाइन लोन देने वाली संदिग्ध शेल कंपनी (हेक्टर लैंडकारो प्राइवेट लिमिटेड) का संचालन करता है। इनके माध्यम से देशभर में करीब 300 करोड़ रुपये से ज्यादा की साइबर ठगी की जा चुकी है। डीजीपी ने बताया, कि ग्राहकों को निवेश करने पर अधिक ब्याज और त्वरित लोन देने के नाम पर ठगने वाले इस गिरोह के अन्य सदस्यों की भी तलाश की जा रही है।