केरल हाईकोर्ट में सीबीआई ने वर्ष 1994 में सामने आए तथाकथित ‘ISRO जासूसी कांड’ को लेकर कहा है, कि एयरोस्पेस वैज्ञानिक नम्बी नारायणन (Nambi Narayanan) को अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र के तहत अवैध रूप से गिरफ्तार किया गया था। सीबीआई ने यह भी दावा किया, कि ISRO में जासूसी की बात पूरी तरह से मनगढ़ंत थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बीते शुक्रवार (13 जनवरी, 2023) को केरल उच्च न्यायालय में ISRO जासूसी कांड में षड्यंत्र रचने के दोषियों की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई हो रही थी। सुनवाई के दौरान सीबीआई ने आरोपितों की जमानत का कड़ा विरोध करते हुए कहा, कि आरोपितों से पूछताछ होना बेहद जरूरी है। इस वजह से उन्हें जमानत पर रिहा नहीं किया जाना चाहिए।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, केरल हाईकोर्ट में सीबीआई के अधिवक्ता ने अपना पक्ष रखते हुए कहा, कि नम्बी नारायणन को इसरो जासूसी कांड में जानबूझकर और मनगढ़त आरोप लगाकर फँसाया गया था। ये पूरा प्रकरण अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र का हिस्सा था। सीबीआई ने अपने इस दावे की पुष्टि के लिए मंगलवार (17 जनवरी 2023) को इस मामले से जुड़ी केस डायरी जारी करेगी।
जानकारी के लिए बता दें, नम्बी नारायणन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में प्रमुख लिक्विड प्रोपेलेंट इंजन वैज्ञानिक के तौर पर कार्यरत थे। नम्बी नारायणन पर क्रायोजेनिक इंजन तकनीक को मालदीव की नागरिक रशीदा के जरिये पड़ोसी दुश्मन मुल्क पाकिस्तान को बेचने का मिथ्या आरोप लगाया गया था। इस प्रकरण में केरल पुलिस ने वैज्ञानिक नारायणन समेत कई अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था।
हालाँकि, जांच के बाद नम्बी नारायणन पर लगे सभी आरोप सरासर झूठे पाए गए थे। शीर्ष अदालत ने वर्ष 1998 में नम्बी नारायणन को बरी करने के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद भी देश के प्रतिभावान वैज्ञानिक को 50 दिनों तक जेल में बंद रखा गया था। नम्बी नारायणन ने अपने ऊपर लगाए गए झूठे आरोपों और उन्हें फँसाने वाले आरोपितों के विरुद्ध कार्रवाई और हर्जाने के लिए एक बेहद लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी है।
इस पूरे प्रकरण पर वैज्ञानिक नम्बी नारायण ने पुस्तक भी लिखी है। इस पुस्तक उन्होंने दावा किया है, कि अमेरिकी खूफिया एजेंसी (CIA) ने भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम को बाधित और रोकने के लिए यह पूरा षड्यंत्र रचा था। उल्लेखनीय है, इसरो फर्जी जासूसी कांड में जब नम्बी नारायणन को गिरफ्तार किया गया था, उस वक्त केरल में कांग्रेस सत्ता में थी।
सीबीआई ने अपनी जाँच-पड़ताल के दौरान पाया, कि नम्बी नारायणन की अवैध गिरफ्तारी में केरल सरकार के कुछ तत्कालीन बड़े अधिकारी भी शामिल थे। इस मामले में केरल के तत्कालीन डीजीपी सिबी मैथ्यूज, रिटायर्ड एसपी केके जोशुआ और एस विजयन पर भी संगीन आरोप लगाए गए है।