आपदाग्रस्त जोशीमठ शहर के प्रभावितों में से 130 परिवारों को सरकार ने पीपलकोटी में स्थायी रूप पर पुनर्वासित करने का फैसला लिया है। भारतीय भूवैज्ञानिक द्वारा किये गए सर्वे के अनुसार, पीपलकोटी भूगर्भीय दृष्टि से उपयुक्त पाया गया है। चमोली जिले में बद्रीनाथ राजमार्ग पर अलकनंदा के निकट बसे पीपलकोटी जोशीमठ शहर से लगभग 36 किमी दूर स्थित है। समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 1260 मीटर है।
भूधंसाव के कारणों का पता और उसके उपचार की दिशा को निर्धारित करने के लिए स्थिति का अध्ययन करने वाली एजेंसियों की जाँच रिपोर्ट के लिए समय सीमा तय कर दी गई है। गौरतलब है, कि जोशीमठ का भविष्य वहां स्थितियों का अध्ययन करने वाली एजेंसियों की रिपोर्ट पर ही टिका हुआ है। जांच रिपोर्ट मिलने पर विस्तार से अध्ययन के लिए विशेषज्ञों की कमेटी गठित की जाएगी। जिसके बाद जोशीमठ शहर को बचाने का मास्टर प्लान तैयार किया जायेगा।
आपदाग्रस्त जोशीमठ के पुनर्निर्माण, प्रभावितों के पुनर्वास और राहत पैकेज प्राप्त करने के लिए सरकार ने प्रयास तेज कर दिए है। सचिव आपदा प्रबंधन डॉ रंजीत कुमार सिन्हा ने जानकारी दी है, कि जोशीमठ में सर्वेक्षण कार्यो को तेज गति से करने के निर्देश दिए गए है। ताकि पूरी रिपोर्ट मिलने के बाद इसी के अनुसार राहत पैकेज के प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया जा सके। हफ्ते भर के अंदर राहत पैकेज का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज दिया जायेगा।
जोशीमठ में भूधंसाव प्रभावित 250 परिवारों के 838 सदस्य विभिन्न राहत शिविरों में आश्रय लिए हुए है, जबकि कई प्रभावित परिवारों ने अपने क्षतिग्रस्त घरो में ही डेरा डाला हुआ है। मानसिक रूप से भीतर से टूट चुके प्रभावितों को देखते हुए प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने उनकी काउंसिलिंग के लिए मनोचिकित्सकों की एक टीम राहत शिविरों में तैनात की है, जिसमे दो मनोचिकित्सक और एक काउंसलर शामिल है।
जोशीमठ में भूधंसाव के कारण से विस्थापित होने वाले परिवारों के बच्चो को 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा के लिए सीबीएसई विशेष व्यवस्था करेगा। धामी सरकार ने सीबीएसई के छात्र व छात्राओं को बड़ी राहत देते हुए बोर्ड परीक्षा केंद्र चुनने की छूट दी है। जोशीमठ के आपदा प्रभावित छात्रों को विस्थापित स्थान से सबसे नजदीक परीक्षा केंद्र पर परीक्षा की छूट दी गई है। इस संबंध में सभी स्कूलो को पत्र भेज कर ऐसे छात्रों की सूची मांगी गई है।