केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को आम बजट पेश करेंगी। इससे पहले मंगलवार (31 जनवरी 2023) को वित्त वर्ष 2022-23 का आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey 2022-23) केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा सदन में प्रस्तुत कर दिया गया है। इस आर्थिक सर्वेक्षण में राष्ट्र की जीडीपी में तेजी से बढ़ोतरी की उम्मीद जताई गई है। सर्वे के अनुसार, भारत विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा।
#BudgetSession | Union Finance Minister Nirmala Sitharaman tabled the #EconomicSurvey 2022-23 in Rajya Sabha. pic.twitter.com/NHBsCUV2oL
— ANI (@ANI) January 31, 2023
आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, जारी वित्तीय वर्ष की पहली तीन तिमाही में सरकार ने जीएसटी से 13.40 लाख करोड़ रुपए का राजस्व एकत्रित किया है। बता दें, आर्थिक सर्वेक्षण वित्त मंत्रालय द्वारा जारी की जाने वाली एक वार्षिक रिपोर्ट है। यह पिछले एक वर्ष में राष्ट्र की आर्थिक प्रगति और प्रदर्शन का लेखा -जोखा दर्ज होता है। आर्थिक सर्वेक्षण को प्रत्येक वर्ष बजट से पहले सदन में प्रस्तुत किया जाता है।
Government on track to achieve Fiscal Deficit target of 6.4%
15.5% YoY growth in gross tax revenue from April to November 2022
Rs. 13.40 lakh crore collected as #GST revenue in first 3 quarters of FY23https://t.co/hbQpdoaPhI#EconomicSurvey pic.twitter.com/KaCg0DKM2E
— PIB India (@PIB_India) January 31, 2023
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बजट से पूर्व सदन में पेश किये गए आर्थिक सर्वेक्षण में बताया गया है, कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनी रहेगी। देश की अर्थव्यवस्था 2023-24 में चालू वित्त वर्ष के सात प्रतिशत की तुलना में 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। वहीं पिछले वित्त वर्ष में वृद्धि दर 8.7 प्रतिशत रही थी।
आर्थिक सर्वेक्षण 2023 मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन के नेतृत्व में आर्थिक मामलों के विभाग (DEA) द्वारा तैयार किया गया है। इस आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि वैश्विक कोरोना महामारी के बाद भारत की अर्थव्यवस्था ने जोरदार वापसी की है। हालाँकि, रूस-यूक्रेन के मध्य जारी जंग के कारण वैश्विक रूप से महँगाई में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इससे रुपए के कमजोर होने की संभावना जताई गई है। साथ ही कर्ज के महँगे होने की भी बात भी कही गई है।
आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 के मुताबिक, क्रय क्षमता (Purchasing Power Capacity) के मामले में भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभरा है। साथ ही, विनिमय दर के मामले में 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था है। सर्वेक्षण में बताया गया है, कि भारत के पास पर्याप्त मात्रा में विदेशी मुद्रा भंडार है। इससे राष्ट्र के चालू खाते के घाटे को भरा जा सकता है। इससे दुनिया भर में बढ़ रही महँगाई के चलते रुपए में होने वाले उतार-चढ़ाव को भी नियंत्रित किया जा सकता है।
Proactive measures by the government brings inflation within @RBI's tolerance limit
Consumer price inflation and wholesale price inflation declines to 5.7% and 5.0% in december 2022 respectivelyhttps://t.co/lGO67hlVTz #EconomicSurvey2023 pic.twitter.com/Idb3o3uFVb
— PIB India (@PIB_India) January 31, 2023
सर्वेक्षण में जानकारी दी गई है, कि रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा लिए गए निर्णयों के बाद से खुदरा महँगाई दर में कमी दर्ज की गई है। दुनिया की अधिकांश मुद्रा जहाँ डॉलर के मुकाबले तेजी से कमजोर हो रहीं है, जबकि भारतीय रुपया नियंत्रित रूप से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है।