तुर्की और सीरिया में आये विनाशकारी भूकंप के पीड़ितों को बचाने के लिए भारत ने आपात राहत सहायता के तौर पर सात करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की जीवन रक्षक दवाएं, सुरक्षा सामग्री और गंभीर स्वास्थ्य सेवा उपकरण भेजें है। प्रलय को 200 घंटे से भी अधिक वक्त बीत जाने के बाद भी मलबे से बचे लोगो को निकलना जारी है। बता दें, तुर्की और सीरिया में बीती 6 फरवरी की सुबह भीषण भूकंप आया था।
अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भूकंप में मरने वालों की संख्या 40 हजार से ज्यादा दर्ज की जा रही है। भूकंप के 9 दिन बाद भी रेस्क्यू टीमें मलबों से लोगों को जिंदा निकाल रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार, तुर्की के अंताक्या शहर में एक महिला को मलबे से जिन्दा निकला गया। इसी तरह कहरामनमारस प्रान्त में इमारत के मलबे के नीचे दबे दो सगे भाइयो को जिन्दा बचाया।
वहीं तुर्की में आए शक्तिशाली भूंकप के बाद अब वहां चोरी और लूटपाट के मामले सामने आ रहा है। न्यूज एजेंसी AFP ने सरकारी मीडिया के हवाले से एक रिपोर्ट में बताया, कि तुर्की में विनाशकारी भूकंप के बाद चोरी के आरोप में 48 लोगों को हिरासत में लिया गया है। तुर्की की न्यूज एजेंसी अनादोलु ने जानकारी दी, कि 7.8 तीव्रता के भूकंप के बाद लूटपाट की जांच की गई, जिसके तहत आठ अलग-अलग प्रांतों में संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है।
पाकिस्तान टूडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ ने भूकंप पीड़ितों की जरूरतों ध्यान में रखते हुए अपने मंत्रियों से कहा, कि सीरिया और तुर्की की मदद के लिए पूरे मुल्क में चंदा जुटाने के लिए अभियान चलाया जाए। पीएम शहबाज ने चंदा अभियान के लिए शिक्षण संस्थानों से भी संपर्क करने को कहा है। उन्होंने मजहबी मामलों के मंत्रालय से कहा, कि वो उलेमाओं की मदद से धार्मिक संस्थानों में जागरूकता फैलाए और चंदा जमा करे।
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूंकप से मरने वालों की संख्या 15 फरवरी को बढ़कर 40 हजार से अधिक हो गई है। तुर्किये के राष्ट्रपति के अनुसार, तुर्की में मरने वालों की संख्या बढ़कर 21,848 हो गई वहीं दक्षिण-पूर्वी शहर सान्लिउर्फा में भूकंप से 80,104 लोग घायल हुए है।