देवभूमि उत्तराखंड के दुर्गम क्षेत्रों में मरीजों के उपचार के लिए अब एम्स ऋषिकेश से ड्रोन के जरिये पहुंचाई जा सकेगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने एम्स ऋषिकेश द्वारा किये जा रहे ड्रोन के इस्तेमाल को स्वास्थ्य सेवा वितरण को क्रांतिकारी परिवर्तन बताया। वहीं एम्स कि निदेशक ने चिकित्सा क्षेत्र में ड्रोन क्रांति को दुर्गम इलाकों के लिए संजीवनी करार दिया है।
उल्लेखनीय है, कि आपातकालीन स्थिति में दवा, चिकित्सा उपकरण और खून मरीजों तक पहुंचाने में ड्रोन सबसे कारगर साबित होंगे। यही नहीं, टेलीमेडिसिन सेवा से जोड़ने पर भविष्य में ड्रोन उपचार और दवा दोनों मरीजों तक पहुचाये जायेंगे। बीते गुरुवार को एम्स ऋषिकेश ने ड्रोन के माध्यम से टिहरी स्थित जिला चिकित्सालय दवा पहुंचाकर सफल परिक्षण किया है।
बता दें, ऋषिकेश एम्स के हैलीपैड से टिहरी के बौराड़ी स्थित जिला चिकित्सालय तक पहुंचने में सड़क मार्ग द्वारा काम से काम तीन घंटे का समय लगता है। वहीं आसमान में दो किलोमीटर की ऊंचाई पर उड़ रहे इस ड्रोन ने यह दूरी महज 29 मिनट में पूरी की। ड्रोन एम्स ऋषिकेश से दवाई लेकर सुबह 10 बजकर 44 मिनट पर उड़ा था और 11 बजकर 14 मिनट पर टिहरी पंहुचा। यह ड्रोन तीन किलो तक का भार सहन कर सकता है।
This is how a drone makes a record by delivering medicines from AIIMS Rishikesh to Tehri in Uttrakhandhttps://t.co/dbjfMKVj8W
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— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) February 17, 2023
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उत्तराखंड में ड्रोन द्वारा दवा सप्लाई एम्स की कार्यकारी निदेशक डॉ. मीनू सिंह का ड्रीम प्रोजेक्ट बताया जा रहा है। फिलहाल एम्स की ओर तीन किलो की भार वहन क्षमता वाले ड्रोन का परिक्षण किया गया। टेक ईगल इनोवेशन कंपनी के अधिकारी गौरव आसुधानी ने जानकारी दी, कि कंपनी के पास आठ किलो की क्षमता वाला ड्रोन भी उपलब्ध है, और 25 किलो की क्षमता वाले प्रोटोटाइप पर भी कार्य चल रहा है।
एम्स की कार्यकारी निदेशक डॉ. मीनू सिंह ने मीडिया को बताया, कि चारधाम यात्रा के दौरान आक्सीजन की कमी के चलते कई तीर्थयात्रियों को तत्काल अथवा मेडिकल उपकरणों की जरुरत पड़ जाती है। इसके अलावा पैदल यात्रियों को हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक और अन्य समस्या होने पर ड्रोन से समय पर दवाएं और चिकित्सा उपकरण पहुंचाए जा सकते है। टेलीमेडिसिन और ड्रोन की सुविधा के एक साथ प्रयोग से किसी भी भौगोलिक परिस्थिति में मरीजों को परामर्श और दवा उपलब्ध हो पाएगी।