जलवायु परिवर्तन के चलते होने वाले जुकाम और खाँसी को आमतौर पर सामान्य माना जाता है, लेकिन इस वर्ष सीजनल फीवर लोगो को कुछ ज्यादा परेशान कर रहा है। इस बार सीजनल फीवर में लोगों को न केवल बुखार, जुखाम हो रहा है बल्कि खाँसी और गले का इंफेक्शन भी हो रहा है। इस इन्फेक्शन के चलते लोगों को रात में नींद नहीं आती है और मुँह के अंदर हमेशा बलगम जैसा अनुभव होता रहता है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने सीजनल फीवर को लेकर एक बयान जारी किया है। IMA ने ट्विटर पोस्ट के जरिये जानकारी दी है, कि इस बार जुकाम, नजला, उल्टी, गले का संक्रमण, बदन दर्द और डायरिया के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। ये संक्रमण करीब पांच – सात दिनों तक रहता है। इसमें बुखार तो दिन भर रहता है, पर जुकाम तीन सप्ताह से अधिक रहता है। एनसीडीसी के अनुसार, अधिकतर मामले H3N2 इन्फ्लुएंजा वायरस के है।
Indian Medical Association (IMA) in a notice posted on social media advised people & medical practitioners to avoid prescription of antibiotics to the increasing patients of with seasonal fever, cold & cough. pic.twitter.com/fMbKa9eSDQ
— ANI (@ANI) March 3, 2023
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के अनुसार, इस प्रकार के सीजनल फीवर में सिंपटोमैटिक उपचार आवश्यक होता है, एंटीबॉयटिक्स देने की कोई जरूरत नहीं होती, लेकिन संक्रमण से पीड़ित लोगों ने एजिथ्रोमाइसिन और एमोक्सीक्लैव जैसी एंटीबायोटिक्स लेनी शुरू कर दी है। IMA ने इस प्रकार बिना चिकित्सकीय परामर्श के दवाई लेने से सावधान किया है, क्योंकि यदि बिना परामर्श के एंटीबायटिक का सेवन किया जाता है, तो फिर वो दवाई व्यक्ति के शरीर पर समय आने पर काम नहीं करती है।