सशक्त उत्तराखंड @2025 के संकल्प को पूरा करने के लिए मंत्रिमंडल ने बीते बुधवार (3 मई 2023) को स्टेट इंस्टीट्यूट फॉर इंपावरिंग एंड ट्रांसफॉर्मिंग उत्तराखंड (सेतु) की स्थापना हेतु संगठनात्मक ढांचे के लिए अनुमति प्रदान कर दी है। उल्लेखनीय है, कि भारत सरकार में नीति आयोग की तर्ज पर सेतु प्रदेश सरकार की नीति व नियोजन में नीति संस्थान की तरह कार्य करेगा। मुख्यमंत्री सेतु के अध्यक्ष और नियोजन मंत्री उपध्यक्ष होंगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, संस्था के अंतर्गत आर्थिक एवं सामाजिक विकास केंद्र और साक्ष्य आधारित योजना केंद्र गठित किये जायेंगे। सेतु का उद्देश्य नागरिकों के विकास एवं कल्याण की सामाजिक एवं व्यक्तिगत आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए विस्तृत रुपरेखा तैयार करना होगा। सेतु जन आवश्यकताओं के अनुसार उनकी पूर्ति के लिए सक्रिय रहने के साथ ही विकास में नागरिको की भागीदारी सुनिश्चित करेगा।
सेतु के लिए मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी की नियुक्ति बाहर से की जाएगी। समिति में मुख्य सचिव, समस्त अपर प्रमुख सचिव, प्रमुख सचिव, कृषि उत्पादन आयुक्त, अवस्थापना विकास आयुक्त, सामाजिक विकास आयुक्त नियोजन, सचिव व वित्त सचिव पूर्णकालिक सदस्य होंगे। इसके तहत आठ प्रकोष्ठ कार्य करेंगे। इनमें सम्पति मुद्रीकरण, वाह्य वित्त सहायतित, भारत सरकार बजट प्रकोष्ठ, बजट योजना निर्माण प्रकोष्ठ, केंद्र सरकार संचार प्रकोष्ठ, व्यय वित्त प्रकोष्ठ, तकनीकी सलाहकार समिति एवं बजट प्रकोष्ठ शामिल है।
SETU सभी समूहों का समावेश, राज्य के युवाओं के लिए अवसरों की समानता, पर्यावरण को बचाते हुए सतत विकास, सरकार के प्रत्यक्ष और उत्तरदायी बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग कर पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा। राज्य के संसाधनों के कुशल और प्रभावी उपयोग के लिए समन्वय, सामुदायिक भागीदारी व नेटवर्किंग पर केंद्रित करेगा।
सेतु के संगठनात्मक ढांचे के अनुसार, मुख्यमंत्री इसके अध्यक्ष होंगे। यदि वे नियोजन मंत्री हैं, तो उपाध्यक्ष पद पर वह किसी मंत्री को नामित किया जायेगा। मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुक्त बाजार से लिया जाएगा, जो दिग्गज अर्थशास्त्री अथवा सेवानिवृत्त नौकरशाह हो सकते है। इसके साथ ही सभी मंत्री इसके सदस्य होंगे। सेतु के अंतर्गत तीन केंद्र होंगे और प्रत्येक में दो-दो सलाहकार होंगे।
नीति आयोग की तरह यह सेतु कृषि व उससे जुड़े क्षेत्रों, उद्योगों, एमएसएमई, ग्रामीण विकास, पर्यटन आदि में रोजगार की संभावनाएं और ग्रोथ ड्राइवर क्षेत्रों की पहचान करेगा। इसके साथ विश्व स्तरीय कौशल प्रशिक्षण, सामाजिक अवसंरचना एवं सामाजिक कल्याण के अंतर्गत विश्वस्तरीय शिक्षा व स्वास्थ्य के लिए सलाह, राज्य के सभी कार्यक्रमों व नीतियों में जेंडर निर्धारण व कोई तबका पीछे न छूटे के आधार पर कार्य करेगा।