मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार (13 मई 2023) को देहरादून हाथीबड़कला स्थित सर्वे स्टेडियम में श्री अन्न महोत्सव 2023 का शुभारंभ किया। सीएम धामी ने इस अवसर पर मिलेट्स पर आधारित विभिन्न स्टालों का निरीक्षण करने के साथ ही कृषि विभाग उत्तराखंड की पौष्टिक फसलों पर आधारित पुस्तक ‘स्वाद के साथ स्वास्थ्य’ का विमोचन भी किया। बता दें, चार दिनों तक चलने वाले इस श्री अन्न महोत्सव में राज्यभर से हजारों किसान भाग ले रहे है।
श्री अन्न महोत्सव 2023 का शुभारंभ कार्यक्रम के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, कि आज का यह आयोजन ‘श्री अन्न’ को बढ़ावा देने में मील का पत्थर साबित होगा। इस तरह के आयोजनों से न केवल मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि इससे किसानों को भी मोटे अनाजों से संबंधित आवश्यक जानकारियां प्राप्त होंगी।
सीएम धामी ने कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन व दूरदर्शिता के कारण ही आज सम्पूर्ण विश्व हमारे देश की परंपरागत फसलों के महत्व को समझ रहा है। देश में वर्ष 2023 को ‘मिलेट्स ईयर’ के रूप में मनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा, भारत के प्रस्ताव पर ही ‘संयुक्त राष्ट्र संघ’ ने 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष घोषित किया है।
आज देहरादून में आयोजित चार दिवसीय श्री अन्न महोत्सव 2023 का शुभारंभ कर स्टालों का निरीक्षण किया व विभिन्न क्षेत्रों से आए किसानों से बातचीत की। ऐसे मंच मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा देने के साथ ही किसानों को भी इससे संबंधित आवश्यक जानकारियां उपलब्ध कराने में सहायक सिद्ध होते हैं।… pic.twitter.com/x5g6mWKw70
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) May 13, 2023
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, कि ‘श्री अन्न’ केवल कृषि या भोजन तक ही सीमित नहीं हैं, जहां श्री होता है वहां समृद्धि भी होती है, समग्रता होती है और विजय होती है, इसलिए प्रधानमंत्री ने मिलेट्स को श्री अन्न की संज्ञा दी है। उन्होंने कहा, कि श्री अन्न भारत में समग्र विकास का माध्यम बन रहा है, इसमें गांव और गरीब जुड़ा है और अब देश का प्रत्येक नागरिक भी इससे जुड़ रहा है। श्री अन्न फसलों में पौषणीय तत्व के साथ-साथ औषधीय गुण भी पाये जाते है।
सीएम धामी ने कहा, कि राज्य सरकार प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में मिलेट की कृषि को प्रोत्साहित करने के लिए सरकारी योजनाओं के जरिये से किसानों को प्रोत्साहित करने और रोजगार उपलब्ध कराने का कार्य कर रही है। राज्य के पर्वतीय जिलों के कृषकों से मंडवा, झंगोरा, चौलाई जैसे मोटे अनाजों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कर रही है और साथ ही किसानों को इसका ऑनलाइन भुगतान भी किया जा रहा है। इससे न सिर्फ किसानों की आय में बढ़ोतरी हो रही है, बल्कि मिलेट उत्पादों के उत्पादन हेतु किसान भी प्रोत्साहित हो रहे है।