मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को राज्य सचिवालय में पत्रकारों से वार्ता के दौरान राज्य में चल रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान पर पूछे गए प्रश्न पर कहा, कि हमने पहले भी कहा है, कि सरकारी भूमि पर किसी भी प्रकार अतिक्रमण या अवैध कब्जा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, कि पूरे राज्य में सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने का अभियान लगातार जारी है, और यह अभियान उस वक्त तक जारी रहेगा, जब तक समस्त सरकारी भूमि पूर्ण रूप से अतिक्रमण मुक्त नहीं हो जाती।
उल्लेखनीय है, कि उत्तराखंड में लैंड जिहाद के विरुद्ध मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सख्त तेवर अख्तियार कर रखे है। सीएम धामी ने कहा, कि लैंड जिहाद पर प्रहार को सरकार सख्त कानून लाने जा रही है। उन्होंने चेतावनी भरे अंदाज में कहा, कि सरकारी भूमि पर कब्ज़ा करने वालो को पहले ही अल्टीमेटम दिया जा चुका है, बेहतर होगा, कि लोग सरकारी भूमि से खुद अतिक्रमण हटा लें, वरना धीरे-धीरे नंबर तो सबका ही आएगा।
मुख्यमंत्री धामी ने मीडिया से अनौपचारिक वार्ता के दौरान कहा, कि बहुत सारे लोग अतिक्रमण के संबंध में मुझसे मिले। उन्होंने कहा, कि देवभूमि के सनातन स्वरुप को बनाये रखने को हरसंभव कदम उठाये जायेंगे। उन्होंने कहा, कि राज्य में सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बनी एक हजार से ज्यादा मजारे चिह्नित की गई है। जिनके ध्वस्तीकरण की कार्रवाई लगातार जारी है। अभी तक करीब 300 से अधिक अवैध मजारे हटाई जा रही है।
सीएम धामी ने कहा, कि स्थिति यह है, कि पौड़ी, उत्तरकाशी, टिहरी जैसे पर्वतीय जिलों के दूरस्थ क्षेत्रों में भी मजारे बना दी गई है। उन्होंने कहा, कि सरकारी स्कूलो समेत सरकारी भवनों के परिसरों में मजारे कैसे बनी। उन्होंने कहा, कि जब ये मजारे बनी तो क्यों ध्यान नहीं दिया गया और ये किस कालखंड में बनी, इन सब बिंदुओं की पड़ताल कराई जा रही है। इसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि प्रदेश में अतिक्रमण हटाने का अभियान निरंतर जारी है। अभी तक सरकारी भूमि पर पूरे प्रदेश में 3793 अतिक्रमण चिह्नित हो चुके हैं, जिनमें से 1288 अवैध कब्जे सरकारी जमीन से हटाया जा चुके हैं। वन भूमि पर बनी 300 से अधिक मजारें ध्वस्त हो चुकी हैं, जबकि 35 मंदिरों पर भी ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जा चुकी है।