बुधवार (17 मई 2023) को चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ की चल विग्रह डोली अपने शीतकालीन गद्दी स्थल गोपीनाथ मंदिर से रुद्रनाथ मंदिर के लिए रवाना हो गई है। चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ की उत्सव डोली आज ल्वींठी बुग्याल में ही रात्रि प्रवास पर रहेगी। वहीं 18 मई को डोली पनार बुग्याल में और 19 को मंदिर में पहुंचेंगी। इसके बाद भगवान रुद्रनाथ के कपाट आगामी 20 मई को ब्रह्ममुहूर्त में श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिये जायेंगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 15 मई को गोपीनाथ मंदिर के गर्भगृह से लाकर भगवान रुद्रनाथ जी की प्रतिमा को मंदिर परिसर में रखा गया था। इन दो दिनों तक श्रद्धालुओं ने रुद्रनाथ भगवान के दर्शन किए। बुधवार को प्रातः सुबह से ही भगवान गोपीनाथ और रुद्रनाथ की विशेष पूजाएं आयोजित हुई। इसके बाद सुबह लगभग साढे़ नौ बजे भगवान रुद्रनाथ जी की डोली ने अपने मंदिर के लिए रवाना हुई।
#चतुर्थ_केदार_भगवान_रुद्रनाथ की चल विग्रह डोली को पूरे विधि-विधान और पुलिस सुरक्षा के बीच गोपेश्वर के गोपीनाथ मंदिर से रुद्रनाथ के लिए विदा किया गया। रुद्रनाथ के कपाट आगामी 20 मई को #ब्रह्म_मुहूर्त में श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिये जायेंगे। pic.twitter.com/Bai1rexnDc
— Akashvani Samachar Uttarakhand 🇮🇳 (@airnews_ddn) May 17, 2023
उल्लेखनीय है, कि गोपीनाथ मंदिर चमोली जिले स्थित गोपेश्वर शहर में भगवान शिव को समर्पित एक प्राचीन शिव मंदिर है। इसी मंदिर मे चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ जी की शीतकालीन पूजा की जाती है। चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ जी की शीतकालीन डोली छः माह के लिए इसी मंदिर मे रहती है।
चमोली जिले में समुद्रतल से 11808 फीट की ऊंचाई पर स्थित चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ धाम के कपाट में भगवान शिव के एकानन मुख के दर्शन होते हैं। डोली को इस बार हक-हकूकधारी गंगोलगांव के भक्तगण अपने कंधे पर लेकर गए। पहली बार रुद्रनाथ की डोली की अगुवाई आर्मी बैंड धुनों ने की। इस मौके पर पंडित जनार्दन प्रसाद तिवारी, हरीश भट्ट आदि उपस्थित रहे।