प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले नौ साल में भारत के रक्षा निर्यात (Defence Exports) में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। वित्त वर्ष 2022-23 में रक्षा निर्यात लगभग 16000 करोड़ रुपए रहा। यह 2013-14 के मुकाबले 23 गुना अधिक है। यह सफलता पीएम मोदी की महत्वाकांक्षी अभियान ‘मेक इन इंडिया’ के दम पर मुमकिन हो पाई है। बता दें, इस समय देश की 100 से ज्यादा कंपनी रक्षा उत्पादों का निर्यात कर रही है।
भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में यह जानकारी के दी गई है। विज्ञप्ति के अनुसार, “भारत का रक्षा निर्यात अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुँच गया है। देश का रक्षा निर्यात वित्तीय वर्ष 2013-2014 में 686 करोड़ रुपए था। वहीं, वित्तीय वर्ष 2022-2023 में यह करीब 16000 करोड़ रुपए हो गया है। रक्षा निर्यात में हुई 23% की बढ़ोतरी वैश्विक स्तर पर रक्षा निर्माण क्षेत्र में भारत की उन्नति को दर्शाती है।”
India's defence exports have reached an all-time high, surging from Rs 686 Crore in FY 2013- 14 to nearly Rs 16,000 Crore in FY 2022-23. pic.twitter.com/a1ZqyTBWGK
— ANI (@ANI) May 30, 2023
प्रेस विज्ञप्ति में जानकारी दी गई, “भारत अब दुनियाभर के 85 से ज्यादा देशों को रक्षा उपकरण निर्यात कर रहा है। देश के रक्षा उद्योग ने पूरी दुनिया के सामने अपनी तकनीक, डिजाइन और क्षमता का प्रदर्शन किया है। फिलहाल देश में 100 कंपनियाँ रक्षा उपकरणों का निर्माण कर रहीं हैं। रक्षा निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने बीते 9 वर्षों में कई नीतिगत कदम उठाये है और इसमें उल्लेखनीय सुधार किए है।
विज्ञप्ति के मुताबिक, मोदी सरकार ने निर्यात प्रक्रिया को सरल बनाया। निर्यात प्रक्रिया में लगने वाले वक्त को कम करने के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया का भी पालन किया जा रहा है। रक्षा निर्यात में देश की तरक्की में आत्मनिर्भर भारत का भी बड़ा योगदान रहा है। इसको लेकर प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, “आत्मनिर्भर भारत पहल ने देश में रक्षा उपकरणों के स्वदेशी डिजाइन, विकास और निर्माण को प्रोत्साहित करके देश की मदद की है। इससे आयात पर निर्भरता कम हुई है।
Defence Exports Rise 23 Times
▪️ India's defence exports have reached an all-time high, surging from Rs. 686 Crore in FY 2013-14 to nearly Rs. 16,000 Crore in FY 2022-23
▪️ India’s defence industry has shown its capability of design and development to the world, with 100 firms… pic.twitter.com/7c0H7wrTxK
— PIB India (@PIB_India) May 30, 2023
रक्षा उपकरणों व सुरक्षा से संबंधित अन्य समानों के आयात में भी गिरावट आई है। साल 2018-19 में यह कुल व्यय का 46% था। वहीं, अब यह साल 2022 के अंत में यह घटकर 36.7% रह गया।” गौरतलब है, कि देश लंबे समय तक रक्षा सामग्री के लिए विदेशों पर ही निर्भर था। हालाँकि अब यह निर्भरता कम होती जा रही है। रक्षा सामग्री के आयात में हुए कुल खर्च में 10 प्रतिशत की बड़ी गिरावट देखी गई है।
विदेशों पर कम होती निर्भरता को लेकर प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है, “भारत को कभी रक्षा उपकरणों के आयातक के रूप में जाना जाता था, लेकिन अब भारत प्रमुख रक्षा उपकरणों को निर्यात कर रहा है। इसमें, डोर्नियर -228, आर्टिलरी गन, ब्रह्मोस मिसाइल, पिनाका रॉकेट और लॉन्चर, रडार, सिमुलेटर, बख्तरबंद वाहन आदि शामिल है। वैश्विक एलसीए-तेजस, लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर, एयरक्राफ्ट कैरियर और एमआरओ जैसे भारत के स्वदेशी उत्पादों की माँग भी बढ़ रही है।”