उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के पटेलनगर क्षेत्र में चल रहे तीन स्पा सेंटरों में देह व्यापार की सूचना पर राज्य महिला आयोग की टीम ने एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल और पुलिस के साथ संयुक्त रूप से दबिश देकर 13 युवतियों को मुक्त कराया। इन युवतियों में से दो नाबालिग बताई जा रही है। बताया जा रहा है, कि दो स्पा सेंटर एक ही व्यक्ति द्वारा संचालित किये जा रहे थे।
उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल के अनुसार, ह्यूमन राइट काउंसिल (एनजीओ) को पटेलनगर स्थित स्पा सेंटरों में देह व्यापार की सूचना मिली थी। इस सूचना के आधार पर एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल और पटेलनगर पुलिस के साथ तीन स्पा सेंटरों बॉडी रिलेक्स स्पा, मैजिक टच स्पा और पीसफुल स्पा सेंटर में छापेमारी की गई।
इस दौरान तीन स्पा सेंटरों में मसाज की आड़ में देह व्यापार होता पाया गया। छापेमारी के दौरान मौके पर स्पा सेंटरों से मिलीं 13 युवतियों को मुक्त कराया गया। जिसमें दो नाबालिग बताई जा रही है। सभी युवतियों से पूछताछ की जा रही है। बरामद युवतियों में एक नेपाल, एक सिक्किम, एक सिलीगुड़ी, दो टिहरी, एक अल्मोड़ा, एक हरिद्वार और एक देहरादून की रहने वाली है।
एंटी ट्रैफिकिंग सेल के प्रभारी एसआई मनमोहन नेगी ने मीडिया को जानकारी दी, कि युवतियों के पास स्पा अथवा फिजियोथेरेपी की ट्रेनिंग का कोई प्रशिक्षण या प्रमाणपत्र उपलब्ध नहीं है। एक स्पा सेंटर से आपत्तिजनक वस्तुएं भी बरामद की गई है। तीन में से दो स्पा सेंटर एक व्यक्ति के बताये जा रहे है। पुलिस स्पा सेंटर के मालिक की तलाश कर रही है।
उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने कहा है, कि देवभूमि में इस प्रकार के अनैतिक कार्यों को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, कि इस तरह की गतिविधियां संचालित करने वाले स्पा सेंटरों के मालिक और वहां काम करने वाले कर्मचारियों-युवतियों के खिलाफ भी वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा, कि पर्वतीय क्षेत्रों से बच्चे शहरों में शिक्षा के लिए आ रहे हैं। यह माता पिता की भी जिम्मेदारी है, कि वह लगातार अपने बच्चों की निगरानी करें। बच्चे जल्दी पैसा कमाने के चक्कर में किसी गलत मार्ग पर तो नही जा रहे है, इसका ध्यान रखें। उन्होंने बताया, कि महिला आयोग की टीम द्वारा प्रत्येक जनपद में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है।