वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से मिली हार के बाद रोहित शर्मा (Rohit Sharma) की टेस्ट कप्तानी और नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठने शुरू हो गए है। बता दें, भारतीय टीम को वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल (WTC Final-2023) में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ करारी हार का सामना करना पड़ा था। लंदन के ओवल मैदान पर खेले गए इस मुकाबले में भारत को 209 रनों के भारी अंतर से शिकस्त मिली थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लंदन में केनिंगटन ओवल मैदान पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के फाइनल मुकाबले में हारने के बाद भारत के पूर्व टीम चयनकर्ता सरनदीप सिंह ने कहा, कि रोहित की कप्तानी में कुछ कमी थी। इसके साथ ही उन्होंने अनुभवी ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को प्लेइंग-11 में नहीं रखने पर भी नाराजगी जताई।
भारतीय टीम के पूर्व चयनकर्ता सरनदीप सिंह ने एएनआई से बातचीत के दौरान कहा, ‘हम कह सकते है, कि कप्तानी में कुछ कमी थी. हमें विराट कोहली की आक्रामकता की आदत है। जब टीम का प्रदर्शन खराब होता है, तो कप्तान खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाते है, लेकिन रोहित शर्मा बिल्कुल अलग हैं। भारत फाइनल में दूसरी बार पहुंचकर भी आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का खिताब नाम नहीं कर सका। इसी के साथ ऑस्ट्रेलिया ने आईसीसी की सभी बड़ी ट्रॉफी जीतने वाली पहली टीम बनकर इतिहास रच दिया।
वहीं पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने भी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के खिताबी मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया के हाथों भारत को मिली करारी शिकस्त पर टीम को जमकर खरी-खोटी सुनाई है। गावस्कर ने टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा और चेतेश्वर पुजारा पर जमकर भड़ास निकालते हुए कहा है, कि भारत की पारी में कप्तान रोहित शर्मा और चेतेश्वर पुजारा का शॉट काफी निराशाजनक था।
गावस्कर ने कहा, कि इस बात की कोई सफाई नहीं हो सकती, कि कप्तान का विकेट खो जाने के कुछ मिनट बाद ही 103 टेस्ट खेलने वाले खिलाड़ी ने ऐसा शॉट क्यों खेला। उन्होंने कहा, कि मेरे लिए यह समझना बेहद कठिन है, कि पुजारा ने रैंप शॉट क्यों खेला, क्योंकि वह ऐसा शॉट नहीं है, जिसे पुजारा सामान्य तौर पर खेलते है।
पूर्व क्रिकेटर गावस्कर ने कहा, कि दबाव में खिलाड़ी कुछ ऐसे निर्णय लेते है, जो उन्हें नहीं लेने चाहिए। इस कारण ही टेस्ट क्रिकेट खेल का सबसे बड़ा प्रारूप है और विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल मुकाबला सबसे बड़ा मैच है। इस बीच विराट कोहली और अजिंक्य रहाणे ने चौथे दिन का खेल खत्म होने तक आगे के खतरे को दूर करने में सफलता हासिल की, लेकिन अगली सुबह भारत के बाकी 7 विकेट ताश के पत्तों की तरह ढह गए।