प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (18 जून, 2023) को रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ (Mann Ki Baat) के माध्यम से राष्ट्र को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी द्वारा देश पर जबरन थोपे गए आपातकाल को भारतीय इतिहास का काला दौर बताया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने देश को 2025 तक टी. बी. मुक्त बनाने का संकल्प लिया। उन्होंने कार्यक्रम के दौरान मिट्टी को उपजाऊ बनाने के लिए जापान की मियावाकी तकनीक और अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को लेकर भी चर्चा की।
PM Shri @narendramodi's Mann Ki Baat with the Nation, June 2023. #MannKiBaat https://t.co/HKcsfKTAGQ
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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 102वें संस्करण में अपने संबोधन में कहा,“बड़े से बड़ा लक्ष्य हो या कठिन-से-कठिन चुनौती हो भारत के लोगों का सामूहिक बल, सामूहिक शक्ति, हर चुनौती का हल निकाल देता है। अभी दो-तीन दिन पहले आए चक्रवात बिपरजॉय ने कच्छ में कितना कुछ तहस-नहस कर दिया, लेकिन, कच्छ के लोगों ने जिस हिम्मत और तैयारी के साथ इतने खतरनाक चक्रवात का मुकाबला किया वह अभूतपूर्व है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, कि दो दशक पहले आए भीषण भूकंप को लेकर कहा जाता था, कि कच्छ के लोग नहीं उबर पाएँगे, किन्तु कच्छ के लोग वापस उठ खड़े हो गए। मुझे पूर्ण विश्वास है, कि इस चक्रवात से भी कच्छ के लोग बहुत शीघ्रता से उबर जाएँगे।” उन्होंने कहा, “प्राकृतिक आपदाओं पर किसी का जोर नहीं होता, लेकिन बीते वर्षों में भारत ने आपदा प्रबंधन की जो ताकत विकसित की है, वह आज एक उदाहरण बन रही है।
पीएम मोदी ने कहा, कि प्राकृतिक आपदाओं से मुकाबला करने का एक बड़ा तरीका है, प्रकृति का संरक्षण। मानसून के समय में इस दिशा में हमारी जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। यही कारण है कि आज देश, ‘Catch The Rain’ जैसे अभियानों के जरिए सामूहिक प्रयास कर रहा है।”
बड़े से बड़ा लक्ष्य हो, कठिन से कठिन-चुनौती हो, भारत के लोगों का सामूहिक बल, सामूहिक शक्ति, हर चुनौती का हल निकाल देता है ।#MannKiBaat pic.twitter.com/TaRPhGvtWQ
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उन्होंने कहा, कि “ये नदी, नहर, सरोवर केवल जल-स्त्रोत ही नहीं होते हैं, बल्कि इनसे जीवन के रंग और भावनाएँ भी जुड़ी होती है। ऐसा ही एक दृश्य अभी कुछ ही दिनों पहले महाराष्ट्र में देखने को मिला। ये क्षेत्र अधिकतर सूखे की चपेट में रहता है। पाँच दशक के इंतजार के बाद यहाँ निलवंडे बाँध की नहर का कार्य अब पूर्ण हो रहा है। कुछ दिन पहले टेस्टिंग के दौरान नहर में पानी छोड़ा गया था। इस दौरान जो तस्वीरें आयी, वो वाकई भावुक करने वाली थी। गाँव के लोग ऐसे झूम रहे थे, जैसे होली-दिवाली का त्योहार हो।”
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा है, कि भारत ने 2025 तक टी.बी. मुक्त भारत बनाने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा, कि यह लक्ष्य बहुत बड़ा जरूर है। एक समय था जब टी.बी. का पता चलने के बाद परिवार के लोग ही दूर हो जाते थे, लेकिन आज के समय में टी.बी. के मरीज को परिवार का सदस्य बनाकर उनकी सहायता की जा रही है। टी.बी. को जड़ से समाप्त करने के लिए निक्षय मित्रों ने मोर्चा संभाल लिया है। देश में बहुत बड़ी संख्या में विभिन्न सामाजिक संस्थाएँ निक्षय मित्र बनी है। इसी वजह से आज देश में दस लाख से अधिक टी.बी. मरीजों को गोद लिया जा चुका है और ये पुण्य का काम लगभग 85 हजार निक्षय मित्रों ने किया है।
भारत ने संकल्प किया है 2025 तक टी.बी. मुक्त भारत बनाने का… लक्ष्य बहुत बड़ा ज़रूर है।
एक समय था जब टी.बी. का पता चलने के बाद परिवार के लोग ही दूर हो जाते थे, लेकिन ये आज का समय है, जब टी.बी. के मरीज को परिवार का सदस्य बनाकर उनकी मदद की जा रही है।#MannKiBaat pic.twitter.com/OfWNIIMXZM
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पीएम मोदी ने कहा, कि यदि किसी स्थान की मिट्टी उपजाऊ नहीं रही हो, तो जापान की मियावाकी तकनीक उस क्षेत्र को फिर से हरा-भरा करने का बहुत अच्छा तरीका होती है। मियावाकी तकनीक से विकसित किए गए जंगल तेजी से फैलते है और दो-तीन दशक में जैव विविधता का केंद्र बन जाते है। अब इसका प्रसार बहुत तेजी से भारत के भी अलग-अलग हिस्सों में हो रहा है। कच्छ में भी 2001 के भूकंप में मारे गए लोगों की याद में मियावाकी पद्धति से स्मृति वन बनाया गया है। कच्छ जैसी जगह पर इसका सफल होना ये दर्शाता है, कि मुश्किल से मुश्किल प्राकृतिक परिवेश में भी ये तकनीक कितनी प्रभावी है।
जापान की तकनीक मियावाकी… अगर किसी जगह की मिट्टी उपजाऊ नहीं रही हो तो मियावाकी तकनीक उस क्षेत्र को फिर से हरा-भरा करने का बहुत अच्छा तरीका होती है।
मियावाकी जंगल तेजी से फैलते हैं और दो-तीन दशक में जैव विविधता का केंद्र बन जाते हैं। अब इसका प्रसार बहुत तेजी से भारत के भी… pic.twitter.com/kJdkI6g1MD
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अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, कि इस बार विश्व के कोने-कोने में लोग अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का उत्सुकता से इंतजार कर रहे है। इस वर्ष योग दिवस की थीम ‘योगा फॉर वसुधैव कुटुंबकम’ है। अर्थात ‘एक विश्व-एक परिवार’ के रूप में सबके कल्याण के लिए योग। हर बार की तरह, इस बार भी देश के कोने-कोने में, योग से जुड़े कार्यक्रम आयोजित किए जाएँगें। उन्होंने कहा, “इस बार मुझे न्यूयॉर्क के संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में होने वाले योग दिवस कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर मिलेगा। मैं देख रहा हूँ, कि सोशल मीडिया पर भी योग दिवस को लेकर गजब का उत्साह दिख रहा है।”
पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी द्वारा लगाए आपातकाल को भारतीय इतिहास का काला दौर बताते हुए कहा है, कि भारत लोकतंत्र की जननी है। हम अपने लोकतांत्रिक आदर्शों को सर्वोपरि मानते है। अपने संविधान को सर्वोपरि मानते है, इसलिए हम 25 जून को भी कभी भुला नहीं सकते यह वही दिन है, जब हमारे देश पर आपातकाल थोपा गया था। यह भारत के इतिहास का काला दौर था। लाखों भारतीय लोगों ने आपातकाल का पूरी ताकत से विरोध किया था।
भारत लोकतंत्र की जननी है, Mother of Democracy है। हम अपने लोकतांत्रिक आदर्शों को सर्वोपरि मानते हैं, अपने संविधान को सर्वोपरि मानते हैं, इसलिए हम 25 जून को भी कभी भुला नहीं सकते। यह वही दिन है जब हमारे देश पर Emergency थोपी गई थी। यह भारत के इतिहास का काला दौर था।#MannKiBaat pic.twitter.com/3fVrvpW76D
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प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा, “लोकतंत्र के समर्थकों पर उस दौरान इतना अत्याचार किया गया और इतनी यातनाएँ दी गईं, कि आज भी मन सिहर उठता है। मैं चाहूँगा, कि आज जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे है, तो देश की आजादी को खतरे में डालने वाले ऐसे अपराधों का भी जरुर अवलोकन करें। इससे आज की युवा पीढ़ी को लोकतंत्र के मायने और उसका महत्व समझने में और अधिक आसानी होगी।”