मानव सभ्यता के आरंभ से ही पालतू जानवर रखने का शौक बहुत से इंसानो में पाया जाता है। जानवरों के प्रति लगाव रखने वालों से किसी को कोई परेशानी नहीं है, लेकिन यदि आप पालतू जानवर को घर पर रखना चाहते हैं, तो कुछ नियमों का ध्यान रखना भी बेहद जरुरी है। विशेषकर आप और आपके आसपास वालों को पालतू जानवर से कोई परेशानी ना उठानी पड़े।
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, अब कुत्ता पालने के लिए पड़ोसी की एनओसी लेना अनिवार्य होने के साथ ही पालतू जानवर रखने के शौकीन लोगों को कई अन्य नियमों का भी पालन करना पड़ेगा। कुत्ता पालने में यदि पड़ोसी आपत्ति दर्ज करते है, तो डॉग का लाइसेंस भी निरस्त हो सकता है। कुत्तों के रजिस्ट्रेशन के नवीनीकरण के लिए आपत्ति दर्ज करने वाले पड़ोसियों से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना भी आवश्यक होगा, अन्यथा कुत्तों का नवीनीकरण नहीं किया जाएगा और निगम द्वारा स्वामी से तय जुर्माना वसूला जाएगा।
रिपोर्ट्स के अनुसार, शहर में पालतू कुत्तों को लोग खुले स्थान में शौच करा रहे हैं। इससे सड़कों, पार्क, खेल मैदान आदि में गंदगी फैल रही है। नगर निगम की ओर से नियमावली बनाई गई है, कि कुत्तों को खुले स्थान में शौच नहीं कराया जाएगा। इसका उल्लंघन करने में निगम के कर्मचारियों की ओर से 500 रुपये का दंड लगाया जाएगा। कुत्ते पालने के लिए घर के चारों ओर दीवारें बनाया जाना भी जरुरी है।
नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. हर्ष पाल सिंह चंडोक के मुताबिक, डॉग लाइसेंस की नियमावली की प्रक्रिया अभी गतिमान है। नियमावली लागू होने के बाद डॉग लाइसेंस बनाने के लिए शहर की कॉलोनी व सोसाइटी को नोटिस भेजे जाएंगे। निगम की ओर से निर्धारित नियमों के अनुसार, डॉग लाइसेंस बनाने पर 500 रुपये खर्च करने के साथ ही प्रत्येक वर्ष पालतू जानवर का नवीनीकरण करना होगा, इस नियम का उल्लघंन करने पर प्रति तीन माह के अंतराल में 100 रुपये विलंब शुल्क लगेगा।
इसके साथ ही यदि तीन महीने से ज्यादा उम्र के कुत्तों का छह माह तक रजिस्ट्रेशन नहीं कराया, तो 700 रुपये का अर्थदंड भुगतना होगा। साथ ही कुत्तों के गले में टोकन लटका रहेगा, यदि कुत्ते के गले में टोकन नहीं हुआ, तो कुत्तों को निगम जब्त कर लेगा।
उल्लेखनीय है, कि अगर किसी के पालतू कुत्ते ने किसी को काट लिया, तो भारतीय दंड सहिता (IPC) की धारा 289 के तहत कुत्ते के मालिक को अधिकतम 6 महीने कैद की सजा, एक हजार रुपये का जुर्माना या फिर दोनों हो सकते है। कुल मिलाकर अगर पालतू कुत्ते ने किसी को काट लिया, तो जेल कुत्ता नहीं, बल्कि मालिक जाएगा।
बता दें, रेबीज संक्रमण को स्लो किलर के नाम से जाना जाता है। साथ ही ये केवल कुत्तों के काटने से ही बल्कि बिल्ली, घोड़े, चूहे आदि के काटने से भी होता है। इसकी वैक्सीन लगवाना इसलिए भी बेहद जरूरी है, क्योंकि रेबीज का फिलहाल कोई इलाज नहीं है . पशु चिकित्सकों के अनुसार, पेट्स लवर्स को अपने पालतू जानवर को वैक्सीनेट जरूर करवाना चाहिए।