रुद्रप्रयाग स्थित भगवान केदारनाथ के प्रवेश द्वार गौरीकुंड में भारी बारिश के बाद पहाड़ी से निकला मलबा दो दुकानों में जा घुसा। इस हादसे में कई लोग हताहत बताये जा रहे है। गौरीकुंड के सेक्टर अधिकारी ने बताया, कि मलबे में कई लोग दब गए है। बारिश के चलते मंदाकिनी नदी भीषण उफान पर आ गई है। वहीं लगातार बारिश के कारण बचाव अभियान में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रुद्रप्रयाग स्थित गौरीकुंड में भारी भूस्खलन से 10-12 लोगों की लापता होने की सूचना है। लापता लोगों को ढूंढने के लिए रेस्क्यू कार्य जारी है। वहीं 3 शव बरामद कर लिए गए। देर रात से जारी भारी बारिश कहर बन कर टूट रही है। बारिश के कारण चट्टान टूटने की सूचना देर रात मिली थी, जिसके बाद एसडीआरएफ समेत जिला प्रशासन की टीम मौके पर बचाव के लिए पहुंची थी, लेकिन रात को रेस्क्यू करने में आ रही दुश्वारियों के चलते रेस्क्यू अभियान रोकना पड़ा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गौरीकुंड हादसे पर दुःख व्यक्त करते हुए अपने ट्विटर संदेश में लिखा, “जनपद रुद्रप्रयाग के गौरीकुंड क्षेत्र में भारी बरसात के कारण भूस्खलन होने से जन-धन को क्षति पहुंची है। आपदा प्रबंधन एवं जिला प्रशासन की टीम राहत एवं बचाव कार्य में पूरी तत्परता से जुटी हुई है। सरकार पूरी तरह से आपदा पीड़ितों के साथ खड़ी है।”
जनपद रुद्रप्रयाग के गौरीकुंड क्षेत्र में भारी बरसात के कारण भूस्खलन होने से जन-धन को क्षति पहुंची है। आपदा प्रबंधन एवं जिला प्रशासन की टीम राहत एवं बचाव कार्य में पूरी तत्परता से जुटी हुई है। सरकार पूरी तरह से आपदा पीड़ितों के साथ खड़ी है।
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) August 4, 2023
केदारघाटी में बीते गुरुवार की देर रात से जारी बारिश गौरीकुंड में हाईवे स्थित डाटपुल के समीप दुकानों का संचालन कर रहे नेपाली मूल के अमर बोहरा और वीर बहादुर के परिवार के लिए काल बनकर आया। दोनों परिवारों के दस लोग मलबे-बोल्डर के साथ नदी में बह गए है। रुद्रप्रयाग के आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि हादसे में 10 से 12 लोगों के लापता होने की संभावना है। फिलहाल, सर्च अभियान चल रहा है।
न्यूज एजेंसी ANI को जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने जानकारी दी है, कि शुक्रवार को दिनभर उनकी खोज होती रही, लेकिन अभी तक कुछ पता नहीं लग पाया है। ये दोनों परिवार किराए पर दुकान लेकर उसका संचालन कर रहे थे। इसके साथ ही अन्य कुछ लोगों को भी उन्होंने इन दुकानों पर रोजगार दे रखा था। अमर बोहरा पत्नी अनीता बोहरा और अपने पांच बच्चों राधिका व पिंकी, पृथ्वी, जटिल और वकील के साथ गौरीकुंड में लंबे समय से निवास कर रहा था।
Disaster Management Officer, Dalip Singh Rajwar says, "We got information that 3 shops were affected because of falling rocks and heavy rainfall…The search operation was started immediately. It was said that around 10-12 people were there but till now they have not been… pic.twitter.com/QSUuPHDfcE
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) August 4, 2023
बता दें, चारधाम सीजन के दौरान गौरीकुंड में दुकानें रात्रि 12 बजे तक खुली रहती है, लेकिन इन दिनों मानसून के चलते यात्रा धीमी होने के चलते दुकानें जल्दी बंद हो जाती हैं। बीते गुरुवार रात लगभग 10.15 बजे अमर और वीर बहादुर का परिवार दुकान बंद कर सोने चला गया था। रात 11 बजे से क्षेत्र में मूसलाधार बारिश शुरू हुई और रात लगभग 11.30 बजे तेज आवाज के साथ पहाड़ी का एक बड़ा हिस्सा टूटकर सड़क किनारे दुकान व ढाबे पर गिरा और मलबे के साथ नदी में जा गिरा। तेज आवाज सुनकर कुछ स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे, तो दुकान व ढाबे का नामो-निशान तक नहीं बचा था।