उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में एक बेरोजगार युवा को जिगोलो सर्विस के नाम पर साइबर ठगो ने अपना शिकार बना लिया। हैरानी की बात यह है, कि पीड़ित को यह भी जानकारी नहीं थी, कि यह किस प्रकार की सर्विस होती है। युवक ने सिर्फ पंपलेट में दर्ज नंबर पर फोन घुमा दिया था। इसके बाद पहाड़ के सीधे -सादे युवक को साइबर अपराधियों ने अपने जाल में फंसा कर ₹38000 ठग लिए। एसपी सिटी के निर्देश पर डालनवाला कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है।
गौरतलब है, कि देहरादून में पार्ट टाइम नौकरी की तलाश करने वाले बेरोजगार युवकों को जिगोलो और एस्कॉर्ट्स सर्विस में नौकरी का लालच देकर ठगी करने वाले गैंग सक्रिय है। शहर के कई स्थानों पर जिगोलो सर्विस के नाम पर अच्छी कमाई करने के पोस्टर लगे हुए है। इनमें पंजीकरण के नाम पर रुपयों की डिमांड की जा रही है। ऐसे में पुलिस इन मामलों को साइबर ठगी से जोड़कर देख रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बीते शुक्रवार एसपी सिटी के पास एक पीड़ित युवक अपनी फरियाद लेकर पंहुचा। युवक ने बताया, कि वह बीकॉम का छात्र है, और पढ़ाई का खर्चा उठाने के लिए पार्ट टाइम जॉब भी करता है। युवक ने करनपुर में जिगोलो सर्विस के नाम पर रुपए कमाने का एक पंपलेट देखा और उस पर दिए नंबर पर फोन किया। फोन उठाने वाले शख्स ने युवक से ऑनलाइन भुगतान के जरिये पहले ₹2000 रजिस्ट्रेशन फीस वसूल की।
इसके बाद ठगो ने सदस्यता और अन्य फीस के नाम पर 15 दिनों के अंदर पीड़ित से कुल ₹38000 ठग लिए। मामले पर तत्काल संज्ञान लेते हुए एसपी सिटी ने एसओजी इंस्पेक्टर एनके भट्ट को मामले की जांच करने के आदेश दिए। वहीं पीड़ित को डालनवाला कोतवाली में तहरीर देने के लिए भी कहा गया है।
एसओजी द्वारा की गई की प्रारंभिक जांच में मामला साइबर ठगी का प्रतीत हो रहा है। हालाँकि शहर में पोस्टर कौन चिपका रहा है, इसको लेकर एसओजी सीसीटीवी कैमरों की सहायता से पोस्टर लगाने वालों की पहचान कर रही है। पोस्टर लगाने वालो के माध्यम से पुलिस मुख्य आरोपी तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।