साइबर क्राइम पर केंद्र सरकार ने कड़ा प्रहार करते हुए इस दिशा में दो बड़ी घोषणाएं की है। पहली घोषणा के अनुसार सिम बेचने वाले सभी डीलरों का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है। जबकि दूसरी घोषणा के तहत साइबर अपराध को रोकने के लिए सिम की थोक बिक्री ख़त्म की जा रही है। इलेट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, कि केंद्र सरकार साइबर धोखाधड़ी सहित अन्य प्रकार की धोखाधड़ी को रोकने पर विशेष ध्यान दे रही है।
इलेट्रॉनिक्स व आईटी मंत्री ने कहा, कि तीन दिन पहले ही केंद्र सरकार ने प्रत्येक डीलर का सत्यापन अनिवार्य कर दिया है। उन्होंने कहा, कि अब सिम कार्ड डीलरों के लिए पुलिस वेरिफिकेशन जरूरी हो गया है। यदि सिम डीलर इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो उस पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। इतना ही नहीं ऐसे डीलरों को जेल की सजा तक भुगतनी पड़ सकती है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी देते हुए बताया, कि साइबर धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने सिम कार्ड डीलरों का बायोमेट्रिक और पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया है। साथ ही थोक में सिम कार्ड कनेक्शन देने के प्रावधान पर भी रोक लगा दी गई है। अब फर्जी सिम कार्ड डीलर सिम कार्ड नहीं बेच पाएंगे।
गौरतलब है, कि मोबाइल फोन के सिम कार्ड के जरिए साइबर अपराधी बड़ी-बड़ी ठगी की घटनाओं को अंजाम देते है। मोदी सरकार द्वारा उठाये गए इस बड़े कदम से सिम कार्ड के जरिये होने वाली साइबर धोखाधड़ी को रोकने में मदद मिलेगी। संसदीय समिति द्वारा हाल में प्रस्तुत अपनी रिपोर्ट में जो आंकड़े पेश किये है, वे बेहद चिंताजनक है।
संसदीय रिपोर्ट के अनुसार, केवल एक वर्ष में ऐसे अपराधों का आंकड़ा करीब ढाई गुना से ज्यादा बढ़ गया है। दरअसल पिछले कुछ वर्षों में वित्तीय लेन-देन के लिए देश के नागरिको की डिजिटल भुगतान पर निर्भरता बढ़ी है, उससे साइबर ठगी का शिकार होने का जोखिम भी बढ़ा है। साइबर क्राइम पर अंकुश लगाने के लिए जितना जरुरी साइबर ठगों पर सख्ती करना है, उसके साथ ही आम लोगों के बीच जागरूकता फैलाने की भी है, क्योंकि अक्सर लोग लालच व अज्ञानतावश साइबर ठगी का शिकार बन जाते है।
आजतक की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक झारखंड के जामतारा को ही साइबर अपराध का गढ़ माना जाता था, लेकिन अब सरकार ने जो जानकारी दी है, उसके मुताबिक देश में एक दो नहीं, बल्कि जामतारा जैसे तीन दर्जन दर्जन से ज्यादा साइबर अपराध के गढ़ बन चुके है। सरकार की रिपोर्ट्स के अनुसार, देश के 9 राज्यों- झारखंड, दिल्ली, हरियाणा, बिहार, पश्चिम बंगाल, असम, उत्तर प्रदेश, गुजरात और आंध्र प्रदेश में साइबर क्राइम के हॉटस्पॉट है।