विश्व कुश्ती खेल की नियामक संस्था यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) ने भारतीय कुश्ती महासंघ को बड़ा झटका देते उसकी सदस्यता को अनिश्चित काल के लिए सस्पेंड कर दिया है। दरअसल कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान UWW की सदस्यता जारी रखने के लिए जरूरी चुनाव कराने से चूक गया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने मई 2023 को भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) को एक पत्र लिखकर अगले 45 दिन यानी 15 जुलाई तक भारतीय कुश्ती संघ का चुनाव कराने को कहा था। यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने पत्र में स्पष्ट किया था, कि यदि ये चुनाव इस तरीख तक नहीं कराया गया, तो WFI की सदस्यता को सस्पेंड कर दिया जाएगा।
गौरतलब है, कि भारतीय कुश्ती संघ की सदस्यता रद्द होने का मतलब है, कि अब भारतीय पहलवान रेसलिंग के वर्ल्ड कप समेत सभी बड़ी प्रतियोगिता में भाग तो ले पाएंगे, लेकिन भारतीय तिरंगा नहीं लहरा पाएंगे। दरअसल, अब से भारतीय पहलवानों को किसी भी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में खेलना है, तो वो तिरंगे के नीचे नहीं खेल पाएंगे। अब भारतीय पहलवानों को यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग के नाम के साथ ही खेलना होगा।
आज तक की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव पहले 11 जुलाई को होने वाले थे, लेकिन उस वक्त असम रेसलिंग एसोसिएशन (AWA) अपनी मान्यता को लेकर असम हाईकोर्ट से चुनाव पर पर स्टे ले आया था। वहीं एडहॉक कमेटी ने असम रेसलिंग एसोसिएशन को मान्यता दे दी थी, और इस तरह भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव 15 जुलाई तक नहीं हो सके।
इसके बाद चुनाव चुनाव अधिकारी एम एम कुमार ने दूसरी बार 12 अगस्त को भारतीय कुश्ती महासंघ के लिए चुनाव की तिथि तय की थी। लेकिन चुनाव से पूर्व 11 अगस्त को दीपेन्द्र हुड्डा को समर्थन देने वाली हरियाणा कुश्ती एसोसिएशन ने हरियाणा हाईकोर्ट से चुनाव पर स्टे ले लिया। इस तरह चुनाव लगातार टलते गए और परिणामस्वरूम भारतीय कुश्ती संघ को सस्पेंड कर दिया गया।
हालाँकि, भारतीय पहलवान 23 सितंबर से चीन में शुरू होने जा रहे एशियाई खेलों में भारतीय ध्वज तिरंगे के तले कुश्ती लड़ पाएँगे, क्योंकि इसके लिए डब्ल्यूएफआई ने नहीं, बल्कि भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने आवेदन भेजे थे।