उत्तराखंड में तैनात होमगार्ड स्वयंसेवकों को फिट और चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए अब होमगार्ड विभाग पुरुष व महिला होमगार्ड स्वयंसेवकों को कमांडो का प्रशिक्षण देने जा रहा है। इस योजना को धरातल पर उतारने के लिए विभाग रायपुर थानों स्थित ट्रेनिंग सेंटर को विकसित करने जा रहा है। ट्रेनिंग सेंटर में प्रशिक्षण के लिए सभी व्यवस्थाओं का प्रबंध किया जायेगा। इसके लिए विभाग विशेष प्रशिक्षकों की सेवाएं लेगा।
दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में होमगार्ड विभाग में 5600 पुरुष व लगभग 224 महिला होमगार्ड स्वयंसेवक तैनात है, जबकि 320 महिला स्वयंसेवकों की भर्ती अभी प्रक्रिया में है। प्रशिक्षण कार्यक्रम ना होने के चलते कई पुरुष व महिलाएं होमगार्ड अनफिट बताये जा रहे है। इसी के मद्देनजर विभाग ने होमगार्ड स्वयंसेवकों की कमांडो ट्रेनिंग को अनिवार्य कर दिया है। संभवतः अक्टूबर माह से होमगार्ड स्वयंसेवकों की कमांडो ट्रेनिंग शुरू हो सकती है।
उत्तराखंड होमगार्ड को आधुनिक पहचान देने में प्रयासरत्त पुलिस महानिरीक्षक/कमांडेंट जनरल होमगार्डस केवल खुराना ने मीडिया को जानकारी दी, “होमगार्ड स्वयंसेवकों की फिटनेस में सुधार लाने के लिए उन्हें कमांडो कोर्स दिलाने की योजना बनाई गई है। कमांडो कोर्स करवाने का लक्ष्य होमगार्ड स्वयंसेवकों को प्रत्येक परिस्थिति में खड़े रहने के लिए तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा, यह पहली बार है, जब जवानों को इस प्रकार का प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, होमगार्ड स्वयंसेवकों को कमांडो प्रशिक्षण देने के लिए थानों स्थित विभाग के ट्रेनिंग सेंटर को विकसित किया जा रहा है। यहां प्रशिक्षण के लिए 19 ऑप्टिकल्स लगाए जाएंगे। प्रशिक्षण हेतु बाहर से प्रशिक्षक बुलाए जा रहे है, जो होमगार्ड स्वयंसेवकों को ट्रेनिंग देंगे। 15 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में प्रत्येक होमगार्ड को अनिवार्य रूप से शामिल किया जाएगा। इस दौरान यदि किसी जवान को ज्यादा ट्रेनिंग की जरूरत पड़ेगी, तो उसे अलग से भी प्रशिक्षण दिलाया जाएगा।
उल्लेखनीय है, कि उत्तराखंड होमगार्ड विभाग की कमांडो प्रशिक्षण वाली इस योजना में स्कूली बच्चों और आमजन की भागीदारी भी सुनिश्चित की गई है। होमगार्ड विभाग अब स्कूली बच्चों व आमजनों को भी कमांडो का प्रारंभिक प्रशिक्षण उपलब्ध कराने जा रहा है। स्कूली छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षण केंद्र तक लाने और वापस ले जाने की जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधन की होगी। दरअसल स्कूली बच्चों का मनोबल बढ़ाने और उन्हें आत्मरक्षा के लिए तैयार करने के लिए विभाग बच्चों को निशुल्क ट्रेनिंग उपलब्ध कराएगा।