वैश्विक महामारी कोरोना पूरी दुनिया के लिए एक भयंकर त्रासदी बन कर सामने आया था। ऐसे मुश्किल हालातों में जब विश्व के तथाकथित विकसित देशो ने निर्धन राष्ट्रों से मुँह फेरते हुए उन्हें उनके भाग्य के भरोसे छोड़ दिया था, उस वक्त भारत उन गरीब देशो का सच्चा मददगार बन कर सामने आया था। भारत ने न सिर्फ अपने नागरिकों को निशुल्क 200 करोड़ कोरोना वैक्सीन की डोज दी, बल्कि 100 से अधिक देशों को भी वैक्सीन भेजी थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत की उदारता की अब डोमिनिका के विदेश मंत्री विन्स हेंडरसन ने खुलकर प्रशंसा की है। बता दें, विन्स हेंडरसन डोमिनिका के विदेश मामलों के साथ-साथ व्यापार एवं ऊर्जा विभाग के मंत्री भी हैं। न्यूयॉर्क में आयोजित संयुक्त राष्ट्र के कार्यक्रम में उन्होंने निमंत्रण के लिए आभार प्रकट करते हुए कहा, कि कोरोना महामारी के दौरान उन्हें एक बड़ा सबक सीखने को मिला।
डोमिनिका के विदेश मंत्री विन्स हेंडरसन ने बताया, कि दुनिया की एक बड़ी राजधानी में उन्होंने कोरोना संक्रमण काल का समय गुजारा, जिसका वो नाम नहीं लेंगे। उन्होंने आगे बताया, कि उनका छोटा सा देश है जिसकी कमाई पर्यटन पर आधारित है। उन्होंने याद दिलाया, कि उस वक्त उनके लोगों की सुरक्षा के लिए और महामारी से बाहर निकलने के लिए डोमिनिका को कोरोना वैक्सीन की बेहद जरुरत थी।
#WATCH | New York, USA: Dr Vince Henderson, Minister for Foreign Affairs, International Business, Trade & Energy, Dominica says, "Thank you for taking the opportunity to reach out to us and I think that the lesson that moves me the most is the COVID-19 pandemic. I had the… pic.twitter.com/VMiISQiGAv
— ANI (@ANI) September 24, 2023
कैरिबियाई देश के विदेश मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र के कार्यक्रम में जानकारी दी, कि कोरोना आपदाकाल के दौरान भारत हमारे देश के नागरिको की मदद के लिए आगे आया और उसने डोमिनिका को कोरोना वैक्सीन भेजी। इसके बाद डोमिनिका ने भारत द्वारा भेजी गई वैक्सीन के जरिए कैरिबिया के अन्य देशों की भी सहायता की और इससे इन गरीब देशो के लोगों के प्राण बच सके।
उन्होंने कहा, “मैं मुसीबत की घड़ी में हमारी मदद करने के लिए भारत सरकार और वहाँ के नागरिकों का व्यक्तिगत रूप से धन्यवाद करना चाहता हूँ।” गौरतलब है, कि फरवरी 2021 में भारत ने डोमिनिका को 35,000 कोरोना वैक्सीन की खेप भेजी थी। डोमिनिका की 72,000 की जनसंख्या में से आधे को इससे फायदा मिला। तब वहाँ के प्रधानमंत्री रूज़वेल्ट स्केरिट ने कहा था, कि उन्हें उम्मीद नहीं थी, कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से उन्हें इतनी जल्दी सहायता मिलेगी।